अगर सल्लू मियां कैमरे के आगे अपनी एक भौह ऊपर करके ढाई घंटे तक खड़े हो जाए तो गारंटी है कि उन्हें 200 करोड़ से ज्यादा हिट मिल जाएंगे. 'दबंग 2' इससे कहीं ज्यादा देने वाली है. जी हां सलमान का जादू फिल्म में एक बार सर चढ़कर बोला है.
ट्रेलर से लग रहा था फिल्म पहली 'दबंग' जैसी ही होगी. फिल्म के निर्देशक अरबाज खान ने फिल्म को हिट कराने के लिए आंख बंद करके पहली वाली दबंग की हर ट्रिक इस्तेमाल की है चाहे बात स्टंट हो, गाने हो या फिर दृश्यों की.
फिल्म से लगता है कि अरबाज इस बात को समझ गए हैं कि सलमान की छत्रछाया में कोई सी फिल्म चलेगी.
पहली फिल्म 'दबंग' की तरह इस फिल्म में भी कॉमिकबुक सिनेमा का टच दिया गया है. चुलबुल पांडे वैसे ही अपने रौबीले व्यक्तित्व के साथ नजर आए हैं. इसके अलावा एक छोटे से कस्बे में फिल्माई गई फिल्म में हॉलीवुड फिल्मों का तड़का लगा दिया गया है.
बहुतों का कहना है कि 'दबंग' और 'दबंग 2' में सिर्फ '2' अंक का ही अंतर है.
स्क्रिप्ट की बात की जाए तो दिलीप शुक्ला द्वारा लिखी इस कहानी से लगता है कि उन्होंने ड्रामा और एक्शन को एक कहानी में पिरोने की औपचारिकता सी पूरी की है. कहानी कुछ इस तरह शुरू होती है कि सलमान यानी चुलबुल पांडेय अब शादीशुदा हैं और अपने पिता (विनोद खन्ना), बीवी रज्जो (सोनाक्षी सिन्हा) और भाई मक्खी (अरबाज खान) के साथ ट्रांसफर होकर कानपुर आते हैं. चुलबुल यहां मौजूद अपराध को खत्म करने की ठान लेते हैं ऐसे में उनकी स्थानीय नेता बच्चा भैया (प्रकाश राज) से दुश्मनी हो जाती है. बच्चा भैया नेता कम, गुंडा ज्यादा है.
कुल मिलाकर चुलबुल पांडे ने इस बार भी अपने बेहतरीन अभिनय से दर्शकों को निराश नहीं किया है. डायलॉग डिलीवरी, मसखरा अंदाज, दमदार स्टंट्स और सोनाक्षी के साथ उनकी केमिस्ट्री को खूब सराहा गया है. उम्मीद है आपको इस फिल्म को देखने के लिए और कारणों को जरूरत नहीं होगी...