Aashram 3 Review: लंबे इंतजार और बड़ी उम्मीदों के बाद बाबा निराला ने हम सभी के कंप्यूटर और मोबाइल स्क्रीन्स पर वापसी कर ली है. बॉबी देओल और प्रकाश झा की सीरीज आश्रम का सीजन 3 आ चुका है. इस सीरीज के पहले और दूसरे सीजन ने दर्शकों को खुद से जोड़ा था. एक्टर्स की बढ़िया परफॉरमेंस और बाबा निराला और उनके आश्रम की दमदार कहानी को हर देखनेवाले ने पसंद किया. लेकिन अब तीसरे सीजन के साथ आश्रम ने अपना चार्म खो दिया है.
बदनाम आश्रम की क्या है कहानी?
लोगों के भड़कने के बाद प्रकाश झा ने अपनी सीरीज को ऑफिशियली एक बदनाम... आश्रम नाम दे दिया है. नाम बदल जाने से अगर सीरीज की स्टोरी बदल जाती तो कमाल ही हो जाता लेकिन अफसोस ऐसा नहीं है. आश्रम एक क्राइम ड्रामा और थ्रिलर सीरीज है. इसके नए सीजन की कहानी बाबा निराला के कुकर्मों को फॉलो करती है. सीरीज के दूसरे सीजन में हमने पम्मी पहलवान (अदिति पोहनकर) को बाबा के हाथों शोषित होने के बाद उसकी चंगुल से बचकर भागते देखा था. अब आश्रम सीजन 3 में पम्मी अपने साथ हुए दुष्कर्म का बदला लेने आ गई है. पम्मी का मोटिव बाबा निराला की पोल खोलना है. इसके अलावा सीरीज में कई और कहानियां चल रही हैं, जो इसे दिलचस्प बनाती हैं.
नए किरदार ने मारी एंट्री
आश्रम को एक फ्रॉड बाबा और कॉनमैन के रूप में दिखाया गया है, जो अपना कल्ट चलाता है. लेकिन इस सीरीज में कुछ नया नहीं हो रहा. आश्रम में सिर्फ एक नए किरदार की एंट्री हुई है और वो है ईशा गुप्ता. ईशा एक जानी-मानी पब्लिसिस्ट के किरदार में नजर आई हैं, लेकिन उनका किरदार आते ही खराब कर दिया गया. ईशा के स्ट्रॉन्ग किरदार को बाबा निराला के एक शो पीस की तरह परोसा गया है, जो उसे काफी बेकार बनाता है.
बाबा निराला के रूप में बेस्ट है बॉबी
शो के सेंटर में बॉबी देओल का किरदार बाबा निराला है. बॉबी ने अपने किरदार को हमेशा की तरह बढ़िया तरह से निभाया है. बाबा निराला के किरदार में बॉबी ने अपने करियर की सबसे अच्छी परफॉरमेंस दी है. साथ ही उनके साथी भोपा सिंह के किरदार में चन्दन रॉय सान्याल का काम भी बढ़िया है. लेकिन बाबा और उसके साथियों की बुराई को मसालेदार बनाने के चक्कर में उन्हें एंटी-हीरो जैसा दिखाया गया है. आपको बाबा और उसके साथियों के कुकर्म देखकर आपको बुरा नहीं लगता, ना ही मरने वालों या शोषित होने वालों के लिए बुरा लगता है.
रफ्तार और कहानी ने किया परेशान
दर्शन कुमार और अनुप्रिया गोयनका के किरदारों को इस सीरीज में आप ज्यादा नहीं देख पाएंगे, जो कि काफी निराश करने वाली बात है. यह दोनों सीरीज के दिलचस्प किरदारों में से थे, जिन्हें आगे बढ़ने का मौका यहां कम मिला है. आश्रम सीजन 3 की रफ्तार इसकी सबसे बड़ी दिक्कत है. यह सीरीज कछुए की चाल से चलती है. साथ ही इसमें कुछ नया देखने को नहीं मिलता. चीजों को बेमतलब में मसालेदार और मजेदार और ड्रामेटिक बनाने की कोशिश की गई है, जिसे देखना लगता इरिटेटिंग है.
सबसे बड़ी चीज जो आश्रम 1 और 2 में थी और जो सीजन 3 में नहीं है, वो यह है कि इस कहानी का असली लगना. बॉबी देओल की सीरीज का यह सीजन उम्मीद से बिल्कुल उलट और फीका है. 10 एपिसोड्स की इस सीरीज के अंत में सीजन 4 का टीजर भी दिखाया गया है. ऐसे में बस उम्मीद की जा सकती है कि यह शो अपना चार्म वापस पाकर दोबारा वापस लौटेगा.