शाहिद कपूर और मीरा राजपूत की शादी एक अरेंज मैरिज थी. इस बात से तो सभी वाकिफ हैं कि दोनों की मुलाकात राधा स्वामी सत्संग ब्यास के जरिए हुई थी. कपल और इनका परिवार राधा स्वामी में गहरी आस्था रखता है. शाहिद ने बताया कि वो इतनी श्रद्धा रखते हैं कि ना सिर्फ वो अक्सर वहां सत्संग में शामिल होते हैं, बल्कि वहां उन्होंने अपना घर तक बनाया हुआ है.
नदी किनारे बसाया घर
शाहिद को ब्यास नदी किनारे स्थित अपना ये घर सबसे प्यारा है. पंजाब फर्स्ट वॉइस से बातचीत में शाहिद ने कहा कि- हम ब्यास अक्सर जाते हैं. मीरा के माता-पिता का वहां घर है, और हमारा भी. हमें वहां सब कुछ मिल जाता है. वो हमारे दिल के बहुत करीब है. पूरी दुनिया में उससे प्यारी जगह कोई नहीं, हमारे मुंबई वाले घर से भी ज्यादा. उन्होंने ये भी बताया कि उन्होंने 25 साल की उम्र में 'नाम' लिया था और मीरा ने भी. शाहिद 19 साल की उम्र में शाकाहारी बन गए थे.
राधा स्वामी के जरिए हुई मुलाकात
शाहिद ने मीरा से पहली मुलाकात याद करते हुए कहा कि- हम पहली बार दिल्ली में मिले थे. मैं 33 का था और वो 20 की, तो उम्र का काफी अंतर था. हम दोनों सोचते थे कि हम बात किस बारे में करेंगे. मैं एक एक्टर और वो अभी-अभी कॉलेज से निकली थी.
उन्होंने आगे कहा कि परिवारों के भरोसे पर दोनों ने मुलाकात की और शुरुआत में झिझक होने के बावजूद वो एक-दूसरे से मिलकर खुश हुए. शाहिद ने कहा- जब मिले तो हमारी अच्छी बन गई. हमने चार-पांच घंटे तक बात की. हम किसी के घर पर मिले थे, परिवार वाले भी वहां थे.
शाहिद ने बताया कि मीरा की जो बात उन्हें सबसे ज्यादा प्रभावित करती है, वो है उनका धार्मिक स्वभाव. वो बोले- उनका अपने गुरु पर बहुत दृढ़ विश्वास है. उनके परिवार के संस्कार बहुत अच्छे हैं. वो बहुत सहज हैं. जैसी हैं, वैसी ही रहती हैं. शादी के बाद जब वो मेरे साथ मुंबई आईं, तो कभी नहीं लगा कि खुद को बदलने की कोशिश कर रही हैं. वो बहुत नैचुरली आगे बढ़ीं. मुझे ये सब बहुत पसंद है.