बॉलीवुड में 70-80 दशक के कलाकारों का ज्रिक जब आता है तो लोगों को पुरानी फिल्मों की यादें ताजा हो जाती हैं. क्योंकि उस दशक में भी कुछ ऐसे चेहरे ने एक्टिंग की, जो आज फिल्मी दुनिया में अमर हो गए. उन्हीं में से एक नाम लीला मिश्रा का है. जिन्हें सब 'शोले' फिल्म की मौसी के रूप में अच्छे से जानते हैं. बॉलीवुड की दिग्गज फिल्म डायरेक्टर और स्क्रीन राइटर सई परांजपे ने उन्हें याद करते हुए कई चीजें शेयर की है. जो शायद ही कोई जानता होगा.
दरअसल सई परांजपे ने फिल्मफेयर से बात करते हुए अपनी 1983 की फिल्म 'कथा' से जुड़े किस्से शेयर किए, जो उन्हें लीला मिश्रा की याद दिलाते हैं. उन्होंने कहा कि 'समय की पाबंद एक्ट्रेस थीं, आज तक उनके जैसी कोई एक्ट्रेस नहीं मिलीं. वह एजुकेटेड नहीं थीं लेकिन उन्हें फिल्ममेकिंग के हर सीन की बारीकियों के बारे में पता था. फिल्म 'चश्मेबद्दूर' के दौरान उन्होंने एक सीन को भी सुधारा, जिसमें वह लड़कों के घर जाने के लिए सीढ़ियां चढ़ रही थीं.'
लकवे के दौरान भी शूट की फिल्म
डायरेक्टर सई परांजपे ने उस इमोशनल दिन को याद किया जब लीला को फिल्म शूटिंग के दौरान लीला को लकवे का दौरा पड़ा. उन्होंने बताया कि उनकी आधी बॉडी लकवाग्रस्त हो गई और शूटिंग रूक गई. लोग उन्हें वापस मुंबई भेजने की प्लानिंग बनाने लगे लेकिन उन्होंने (लीला) ने कहा कि 'हमारे पास अभी भी एक शॉट बचा हुआ है, तुरंते उसे शूट करें.' उन्होंने पूरा सीन शूट किया और फिल्म की शूटिंग खत्म करने के बाद मुंबई चली गईं. उसके कुछ दिनों बाद ही उनकी मौत हो गई.
सबसे ज्यादा मिलती थी फीस- सई
सई ने कहा कि लीला अपने काम के लिए काफी मेहनती थी. उनके लिए काम की फीस हमेशा सबसे ऊपर रही. उन्हें फिल्मों की शूटिंग के दौरान रोजना 1000 रुपये की फीस दी जाती थी. फिर चाहे फिल्म में भूमिका छोटी हो या बड़ी. सई ने एक किस्सा सुनाते हुए कहा कि जब उन्हें सत्यजीत रे की फिल्म शतरंज के खिलाड़ी में रोल ऑफर किया तो वह ये भी नहीं जानती थीं कि रे कौन हैं? वह केवल अपनी फीस के बारे में ही पूछती थीं.