मीडिया पर रोक के लिए लगाई गई याचिका पर आज भी अभिनेत्री रकुल प्रीत सिंह को दिल्ली हाई कोर्ट से राहत नहीं मिली है. अलबत्ता दिल्ली हाई कोर्ट ने रकुल की अर्जी पर सूचना और प्रसारण मंत्रालय और नेशनल ब्रॉडकास्ट एसोसिएशन को नोटिस जारी कर इस मामले में स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने के आदेश दिए हैं. लेकिन दिल्ली हाईकोर्ट ने दूसरी बार भी रकुल प्रीत की अर्जी पर किसी भी मीडिया हाउस को रकुल प्रीत की खबर को दिखाने पर रोक नहीं लगाई है. इससे पहले 17 सितंबर को भी रकुल ने हाईकोर्ट में मीडिया गैंग ऑर्डर के लिए अर्जी लगाई थी.
कोर्ट में रिया के वकील ने क्या कहा?
कोर्ट में सुनवाई के दौरान रकुल के वकील ने कहा कि एक्ट्रेस के खिलाफ कोई भी आपराधिक मामला नहीं चल रहा है. लेकिन मीडिया लगातार उनके खिलाफ गलत खबर चला रहा है. मीडिया ट्रायल की वजह से रकुल की सामाजिक इमेज तो खराब हो ही रही है, साथ ही परिवार-दोस्तों पर भी खराब असर पड़ रहा है. वकील की मांग है कि मीडिया पर रकुल से जुड़ी किसी भी खबर को दिखाने पर रोक लगाई जाए. ये भी कहा कि मीडिया में दिखाई जा रही रिपोर्ट का सुशांत सिंह राजपूत के केस में हो रहे ट्रायल पर भी गलत असर पड़ेगा.
रिया की तरफ से उनके वकील ने कहा- NCB ने मुझे पेश होने के आदेश दिए थे. मैं उनके सामने पेश हुई. लेकिन NCB के सामने पेश होने से पहले ही मीडिया ने मेरे मुंबई के घर को घेर लिया, जबकि मैं हैदराबाद में थी और मुझे तब तक नोटिस भी नहीं मिला था. कोर्ट ने कहा कि इस मामले में अगर मीडिया गलत रिपोर्टिंग कर रहा है तो आप उनकी शिकायत I&B मिनिस्ट्री में कर सकते हैं या फिर आप उन चैनलों के खिलाफ सिविल सूट दाखिल कर सकते हैं.
रकुलप्रीत के वकील ने कहा कि जिन चैनलों ने फेक न्यूज चलाई है वो नेशनल ब्रॉडकास्टर एसोसिएशन के मेंबर है. वो कोई ए बी सी डी चैनल नहीं हैं. उनकी जिम्मेदारी तय होनी चाहिए. ये चैनल लगातार रकुल की इमेज खराब कर रहे हैं. ऐसे में कोर्ट को इस मामले में हो रही रिपोर्टिंग में दखल देने की जरूरत है.
रकुल बोलीं- मैं न स्मोक करती, न शराब पीती
रकुल ने वकील के माध्यम से अपने बचाव में कहा कि मेरे खिलाफ खबर चलाई जा रही है कि मैंने ड्रग्स का सेवन किया. ड्रग्स को आगे लोगों को दिया जबकि मैं ना स्मोक करती हूं, और ना ही में शराब का सेवन करती हूं. ऐसी हालत में जब लगातार मेरी इमेज खराब की जा रही है तो मैं कहां जाऊं और क्या करूं अपनी डिग्निटी को बचाने के लिए मेरे पास कोर्ट का रास्ता बचता है. कोर्ट ने कहा कि केन्द्र इस मामले में देखें कि क्या किया जा सकता है. इस मामले में स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करें. केंद्र की तरह से पेश एएसजी चेतन शर्मा ने कहा कि हमें रकुल प्रीत से पूरी हमदर्दी है. लेकिन अगर जांच के इस मोड़ पर कोर्ट कोई आदेश पास करता है तो वो इस केस के लिए नुकसानदेह साबित हो सकता है.
कोर्ट ने कहा कि एनसीबी इस मामले में जांच कर रहा है लेकिन सूचना और प्रसारण मंत्रालय इस मामले में अपनी रिपोर्ट दाखिल कर सकता है. जिससे साफ हो जाए कि किस मीडिया हाउस ने क्या ख़बर दिखाई. कोर्ट ने रकुल प्रीत सिंह की अर्जी पर सूचना और प्रसारण मंत्रालय को नोटिस जारी कर अपना जवाब दाखिल करने को कहा है. दिल्ली हाई कोर्ट ने ब्रॉडकास्ट एसोसिएशन को भी अपना जवाब दाखिल करने को कहा है.