'3 इडियट्स' और 'PK' जैसी बड़ी सुपरहिट फिल्में देने वाले डायरेक्टर राजकुमार हिरानी और बॉलीवुड एक्टर आमिर खान एक बार फिर साथ आने वाले हैं. दरअसल दोनों भारतीय सिनेमा के जनक कहे जाने वाले दादा साहेब फाल्के पर बायोपिक बनाने की तैयारी कर रहे हैं. इस प्रोजेक्ट के साथ दादा साहेब के पोते चंद्रशेखर श्रीकृष्ण पुसालकर भी जुड़े हैं. उन्होंने अपने दादाजी की जिंदगी से जुड़े कई खास किस्से और बातें शेयर की हैं, जो फिल्म को और भी खास बना देंगे.
हाल ही में एक इंटरव्यू में चंद्रशेखर श्रीकृष्ण पुसालकर ने आमिर खान और राजकुमार हिरानी के प्रोजेक्ट पर खुशी जताई है. लेकिन इस बात पर हल्की नाराजगी भी जाहिर की कि फिल्म बाहुबली डायरेक्टर एस.एस.राजामौली ने उनसे संपर्क नहीं किया.
जानिए क्या कहा श्रीकृष्ण पुसालकर ने
दादा साहेब फाल्के के पोते चंद्रशेखर श्रीकृष्ण पुसालकर ने कहा कि आमिर-हिरानी की टीम ने भरोसा जीतने के लिए कड़ी मेहनत की है. आमिर खान और राजकुमार हिरानी का प्रोजेक्ट मेरे लिए भी एक सरप्राइज था. मुझे बस पता चला कि उन्होंने मिलकर काम शुरू कर दिया है. उन्होंने आमिर खान और हिरानी पर कहा कि आमिर बहुत ही गंभीर एक्टर हैं. वह ईमानदारी से काम करते हैं. अगर आमिर उनकी भूमिका निभा रहे हैं तो मैं बहुत खुश हूं. उनके साथ हिरानी जैसे डायरेक्टर भी हैं. दोनों ने पहले भी बेहतरीन काम किया है. मुझे पूरा विश्वास है कि दोनों ही दादा साहेब की कहानी को बड़े सम्मान के साथ पेश करेगी.
'एक दम सही हाथों में प्रोजेक्ट'- श्रीकृष्ण पुसालकर
श्रीकृष्ण पुसालकर ने राजकुमार हिरानी के असिस्टेंट प्रोड्यूसर हिंदुकुश भारद्वाज को लेकर कहा कि उनकी टीम पिछले 3 सालों से मेरे कॉन्टेक्ट में हैं. वो हर स्टेप पर मुझसे मिलने आती है. उनकी मेहनत का तरीका बड़ा खास था. क्योंकि आजकल लोग परिवार से पूछते तक नहीं लेकिन उन्होंने पूरा परिवार साथ रखा. जो बहुत अच्छी बात है. मैं कह सकता हूं कि ये प्रोजेक्ट बिल्कुल सही हाथों में हैं.
राजामौली ने मुझसे कभी बात नहीं की- श्रीकृष्ण पुसालकर
उन्होंने एस एस राजामौली की दादासाहेब फाल्के की जिंदगी पर फिल्म बनाने की घोषणा पर भी खुलकर बात की. उन्होंने कहा कि राजामौली ने कभी मुझसे इस बायोपिक के लिए संपर्क नहीं किया. हां, मैं राजामौली के इस प्रोजेक्ट पर चर्चाएं सुनता रहा. उन्होंने कभी मुझसे बात नहीं की. अगर कोई फाल्के जी की कहानी बना रहा है, तो कम से कम परिवार से बात तो करनी चाहिए. परिवार को नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए. क्योंकि असली कहानी तो परिवार जानता हैं.