Pushpa: The Rise में Shrivalli सॉन्ग गाकर लाइमलाइट में आए बॉलीवुड सिंगर जावेद अली ने आजतक डॉट इन से एक्सक्लूसिव बातचीत कर इंडस्ट्री के म्यूजिक ट्रेंड और अपनी म्यूजिकल जर्नी पर दिल खोलकर बातचीत की है.
जावेद का कहना है कि बॉलीवुड में उन्हें सूफी गाने की वजह से टाइपकास्ट कर दिया है और यही वजह है कि रोमांटिक या पेपी गानों के लिए उन्हें ज्यादा मौके नहीं दिए जाते हैं.
इसे साइड करो, रोमांटिक में आने नहीं दो
जावेद कहते हैं, 'लोगों ने मुझे टाइपकास्ट कर दिया था. उन्हें लगता है कि जावेद केवल सूफी के लिए परफेक्ट है, तो इसे साइड कर दो. रोमांटिक गानों में तो आने ही नहीं दो. बतौर आर्टिस्ट मेरे लिए सोचने वाली बात है. मैं निराश हो जाता था, लगता था कि क्या करूं ऐसा कि इस इमेज को तोड़ सकूं और ऊपरवाले ने श्रीवल्ली देकर एक जादू कर दिया. ऐसा सुपरहिट गाना आना जरूरी था ताकि लोगों का नजरिया बदल सके. हालांकि मैंने जश्न ऐ बहारा, एक दिन जैसे रोमांटिक सॉन्ग गाए हैं. गाने का पॉपुलर होना जरूरी होता है, ताकि लोग आपकी वर्सिटैलिटी से वाकिफ हो सकें.
श्रीवल्ली गाने ने हौसला दिया है
इस गाने ने मुझे हौसला दिया है कि मैंने कुछ नया एक्स्पेरिमेंट किया और वो सक्सेसफुल हो गया. मैं हमेशा अपनी आवाज के साथ एक्सपेरिमेंट करता रहता हूं कि क्या ऐसा करूं कि नया मॉड्यूलेशन आए, फ्रेशनेस झलके. बहुत सी ऐसी चीजें हैं, जिसे देखकर लगता है कि मैं कर सकता हूं लेकिन पता नहीं लोग क्यों नहीं करवाते हैं. कितना अच्छा म्यूजिक कर सकता हूं, अब तो उन्हें विश्वास कैसे दिलाऊं, यह समझ नहीं आता है. बॉलीवुड ने मेरा एक हिस्सा ही देखा, मेरे अंदर की काबिलियत को एक्सप्लोर नहीं किया है. लोग यहां एक ढर्रे पर चल निकलते हैं, उन्हें फिर बाकी चीजें दिखती ही नहीं, एक सा ही पैटर्न चलने लगता है. दूसरी तरफ लोगों को देख ही नहीं पाते हैं.
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एक गाने के बनते हैं पांच स्क्रैचेस
मैंने हाल ही में एक गाना प्रीतम दा के लिए गाया था. उन्होंने मुझे कॉल कर कहा कि जावेद मैं तुम्हारा गाना भी रखूंगा और दूसरे का भी रखूंगा. ये उनका उदारपन है.अब यह ट्रेंड चल पड़ा है, एक गाने को तीन चार सिंगर्स से गंवाते हैं, फिर किसी एक को अल्बम में जगह मिलती है. हालांकि इस ट्रेंड पर मैं कुछ कह नहीं सकता हूं, क्योंकि कोई सिंगर इससे बचा नहीं है. जो भी बड़े नाम हैं, सब शामिल हैं. जैसा चल रहा है, उससे अभी लड़ नहीं सकते हैं. मैं खुद के काम पर फोकस करते हुए आगे बढ़ना चाहता हूं. ऊपरवाले ने बहुत कुछ दिया है.
फिल्मों के गानों में वो आजादी नहीं मिल पाती है
इंडिपेडेंट म्यूजिक के ट्रेंड पर जावेद कहते हैं, इंडिपेंडेंट म्यूजिक को प्रमोट करना चाहिए. मैं मानता हूं कि कहीं न कहीं हर आर्टिस्ट कुछ अलग करने की ख्वाहिश रखता है. एक नाम व शोहरत मिलने के बाद कई बार आप चाहते हैं कि आप खुद के अंदर की काबिलियत को और एक्स्प्लोर करें और इंडिपेंडेंट म्यूजिक आपको वो आजादी देता है. फिल्मों में बहुत से रोक-टोक होते हैं, आपको स्टोरी व स्टार्स के हिसाब से चलना होता है. जिसकी वजह से आप खुलकर नहीं गा पाते हैं.