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Exclusive: 3 साल से वॉट्सऐप पर नहीं Pooja Bhatt, क्यों बोलीं- 50 साल में खुद को क्यों बदल लूं?

पूजा भट्ट ने बताया कि वे पिछले तीन साल से वॉट्सऐप पर नहीं हैं. उन्हें लगता है लोग उनसे दूर होते जा रहे हैं. वे कहती हैं- लोग जानते हैं कि मैं कौन हूं. मैं जब करियर के शुरुआत में थी, तब कुछ नहीं किया, तो अब क्यों खुद को बदलूं, जब मैं पचास साल की हूं.

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पूजा भट्ट
पूजा भट्ट

बॉलीवुड एक्ट्रेस पूजा भट्ट अपनी अपकमिंग फिल्म चुप को लेकर चर्चा में हैं. ये फिल्म 23 सितंबर को रिलीज हो रही है. मूवी का ट्रेलर पसंद किया गया है. पूजा भट्ट को लेकर एक चीज सभी जानते हैं कि वो अपनी पर्सनल लाइफ और स्पेस को लेकर रिजर्व रहती हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं वे वॉट्सऐप पर भी नहीं हैं. ऐसा क्यों है, वे सोशल मीडिया को लेकर क्या सोचती हैं, इस बारे पूजा ने आज तक डॉट इन से बात की.

क्यों पूजा भट्ट इस्तेमाल नहीं कर रही हैं वॉट्सऐप?

देखिए सोशल मीडिया पर जो निगेटिविटी होती है, उसे देखकर हमें पता चल जाता है कि आपकी गाली, गुस्सा आखिर कहां से आ रहा है. उस हिसाब से आपको फिल्टर करें. मैं तो उन्हीं आवाज को तवज्जो देती हूं, जो मेरे लिए निगेटिविटी में पॉजिटिव हों. मैं ओपन डिसकशन के लिए पूरी तरह से तैयार हूं लेकिन जो इन दिनों इंजीनियर हेड की फैक्ट्री खुली है, मुझे उनसे परहेज है. मैं उनके लिए जीना तो छोड़ दूंगी. पूरा देश ट्विटर पर थोड़े न है. यह हमारी रिएलिटी नहीं है. रिएलिटी तो यह है कि आप बाहर जाएं और लोगों से मिले.

आज मिलने के लिए लोगों के पास वक्त कहां है. मैंने पिछले तीन साल से वॉट्सऐप अपनी जिंदगी से निकाल दिया है. मुझे लगता है कि लोग दूर होते जा रहे हैं. मैंने एक दोस्त से पूछा कि चार दिन से कहां हो तुम, तो कहता है कि मैंने वॉट्सऐप का फॉरवर्ड भेजा था न कल. वो फॉरवर्ड भेजने से हमारी बात हुई है क्या. लोग अब इसे ही कम्यूनिकेशन समझते हैं. जब से फोन लोगों की जिंदगी में आया है, तब से पर्सनल टच चला गया है. हम लकी हैं कि 90 के दशक वाले लोग हैं. उस वक्त कुछ नहीं था, हम डिप्राइव्ड बच्चे थे.

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सोशल मीडिया आज के स्टार्स के लिए एडिक्शन की तरह हो गया है. बार-बार फोन चेक करना. लाइक्स मिलने पर आपकी चाल बदल जाती है. 500 लोगों ने तारीफ की लेकिन आप केवल उस निगेटिव कमेंट पर रूके हुए हैं. यह बीमारी नहीं तो क्या है. ट्रोल्स को हमने अपनी जिंदगी का हिस्सा बना लिया है. जिसे देखकर बुरा लगता है.

दिखावे के लिए स्टैंड नहीं लेती
बहुत बार ऐसा मोमेंट रहा है, जब मैंने निजी जिंदगी में चुप्पी साध ली है. मेरा मानना है कि आज के दौर में लोग केवल रिस्पॉन्स के लिए चीजें बोलते हैं. वो इसलिए नहीं बोलते हैं क्योंकि असल में ऐसा महसूस करते हैं. मुझे लगता है कि कभी-कभी रिस्पॉन्स नहीं देने से आप ज्यादा बोलते हैं. मैं यही मानती हूं कि कभी-कभी आपकी चुप्पी ही सबसे बड़ा जवाब हो जाता है. देखिए आप पब्लिक को बेवकूफ नहीं बना सकते हैं, सबको पता है कि आप किस चीज के लिए दिल से स्टैंड ले रहे हैं और कहां दिखावा. आप किस मिट्टी के बने हैं, सामने वाला जानता है. हम सिर्फ साउंड बाइट सोसायटी बन चुके हैं. मैं ये मानती हूं कि इंसान के शब्द को मत सुनो बस उसके एक्शन को देखो. आपके एक्शन ज्यादा बात करते हैं. आप जो करते हैं, वो ज्यादा कम्यूनिकेट होता है, आप जो बोलते हैं, वो नहीं सुनते हैं.

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अब पचास साल में खुद को क्यों बदल लूं?

लोग जानते हैं कि मैं कौन हूं. मैंने कभी अपनी लाइफ में कोई फिल्टर नहीं लगाया है. मैं जब करियर के शुरुआत में थी, तब कुछ नहीं किया, तो अब क्यों खुद को बदलूं, जब मैं पचास साल की हूं. चाहे वो इंस्टाग्राम हो या ट्विटर , मैं बेबाकी से अपनी बातों को रखती हूं. आप छुपा कर करेंगे क्या. मैं पब्लिक फिगर हूं लेकिन मेरी निजी जिंदगी भी है. मैं नहीं मानती कि पर्सनल चीजें बाहर के लोगों को बतानी जरूरी है. मुझे इसकी जरूरत महसूस नहीं होती है. हमें लोगों की प्राइवेसी की रिस्पेक्ट करनी चाहिए. हालांकि आज का दौर ऐसा हो गया है कि आपको अपनी बातें रखने के लिए फोटो का शेयर करना जरूरी है. अगर आपके पास तस्वीर का प्रमाण नहीं है, तो कह लें कि यह मोमंट आपकी जिंदगी में गुजरा ही नहीं है. मुझे लगता है कि 90 का मजा यही था कि बहुत सारी यादें हैं लेकिन बिना किसी प्रूफ के. मुझे सबकुछ याद है. कभी-कभी कैमरा नहीं होना अच्छा होता है. मुझे लगता है कि मैं स्ट्रॉन्ग हूं और जो मेरा दिल करेगा, मैं बोलूंगी. मैं किसी का प्रेशर नहीं लेती. चाहे कोई भी हो मीडिया, फैमिली, फ्रेंड्स मैं किसी की नहीं सुनती हूं. बस मैं दिल की ही सुनती हूं, मुझे लगता है कि आपको घूम फिर कर जवाब तो अपने दिल को ही देना होता है.

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