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India Today Woman Summit 2021: पूजा भट्ट ने की बॉम्बे बेगम्स विवाद पर बात, बोलीं- जागरुकता फैलाना है मकसद

पूजा भट्ट, नेटफ्लिक्स इंडिया की डायरेक्टर सृष्टि बहल आर्या और यूट्यूबर प्राजक्ता कोली हमारे सेशन वंडर वुमन: शी देयर्स, शी स्पीक्स में हमसे जुड़ीं. इस मौके पर मॉडरेटर शिव अरूर संग बातचीत में पूजा भट्ट ने बताया कि उनकी वेब सीरीज को कैसा रिस्पॉन्स मिला और उनका मकसद असल में क्या था. 

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पूजा भट्ट
पूजा भट्ट

इंडिया टुडे वुमन समिट का शनिवार को आयोजन हुआ, जिसमें इंडस्ट्री की कई दिग्गज एक्ट्रेसेज और क्रिएटर्स ने बातचीत की. इस मौके पर बॉम्बे बेगम्स में रानी का किरदार निभाने वाली पूजा भट्ट ने शो और उससे जुड़े विवाद के बारे में बातचीत की. पूजा भट्ट, नेटफ्लिक्स इंडिया की डायरेक्टर सृष्टि बहल आर्या और यूट्यूबर प्राजक्ता कोली सेशन Binge Is King में हमसे जुड़ीं. इस मौके पर मॉडरेटर शिव अरूर संग बातचीत में पूजा भट्ट ने बताया कि उनकी वेब सीरीज को कैसा रिस्पॉन्स मिला और उनका मकसद असल में क्या था.

इंडस्ट्री में पूजा भट्ट का कमबैक 

शिव अरूर ने पूजा भट्ट से पूछा कि आखिर वो कौन सी बात थी, जिसकी वजह से वह इंडस्ट्री में वापस आईं. इस पर पूजा ने कहा- मैंने 17 साल की उम्र में फिल्म डैडी में काम किया था. यहीं से मेरे एक्टिंग करियर की शुरुआत हुई थी. हालांकि डैडी के समय मैं एक्टिंग करने का सपना नहीं रखती थी. मैंने शुरुआत में उस पार्ट को मना कर दिया था. मेरे पिता जिद्दी व्यक्ति हैं तो जाहिर हैं वह नहीं माने थे. उन्होंने मुझे कहा कि ठीक है मैं डिंपल कापड़िया को ये रोल दूंगा, नहीं तो उनकी बेटी ट्विंकल खन्ना के पास जाऊंगा. तब मैंने कहा कि अरे नहीं ठीक है मैं करूंगी. 

25 साल की उम्र में मैंने अपनी पहली फिल्म तमन्ना बनाई. इस फिल्म ने नेशनल अवॉर्ड भी जीता, लेकिन इंडस्ट्री के लोगों ने मुझे नीची नजर से देखा. 
मुझे बोला गया कि तुम जवान हो तो तुम जा क्यों रही हो प्रोडक्शन में, एक्टिंग ही करो. तब मैंने सोचा कि तुम्हारा मना करना मैं दिल पर लूंगी और प्रोड्यूसर बनकर ही रहूंगी और फिर मैं प्रोड्यूसर बनने के लिए गई. मुझे मेरी फिल्म दुश्मन और तमन्ना के लिए सीरियस नहीं लिया गया, फिर मैंने जिस्म बनाई और लोगों ने मुझे सीरियस लिया. 

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21 साल लगे मुझे सब कुछ सीखने में, गिरने में, संभलने में और फिर मैं रानी के रूप में आई. बॉम्बे बेगम्स मिलने पर भी मेरा पहला रिएक्शन ऐसा ही था कि थैंक्स लेकिन नो थैंक्स. क्योंकि नेटफ्लिक्स मेरे पास पहली बार उस समय आया था जब मैं अपने पिता को फिल्म सड़क 2 में असिस्ट कर रही थी. लेकिन वो दोबारा वापस आए और मैंने सोचा कि 49 की उम्र में एक बार फिर से जिंदगी मेरे दरवाजे पर खड़ी है और अब समय है कि मुझे उसे ये मौका देना चाहिए.

सीरीज के सीन्स को लेकर विवाद 

इस सेशन में पूजा भट्ट से बॉम्बे बेगम्स के सीन्स पर हुए विवाद के बारे में पूछा गया. उन्होंने इस बारे में कहा- मुझे लगता है कि हमने बड़ा असर डाला है. मेरे पिता ने 1974  में अपने करियर की शुरुआत फिल्म 'मंजिले और भी हैं' से की थी, जो बैन हुई थी. मेरी 1999 में प्रोड्यूस फिल्म 'जख्म' को सर्टिफिकेट देने से सेंसर बोर्ड ने मना कर दिया था. वो NDA की सरकार थी जिसने फिल्म को नेशनल अवॉर्ड दिया. तो मुझे लगता है कि आपकी सोच अंत में पावर में रहने वाले लोगों को समझ आ ही जाती है. लोगों का अपना चीजों को देखने का नजरिया होता है. दो लोग एक ही चीज नहीं देख सकते. 

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तो मुझे लगता है कि पहले तो हमें ये सोचना बंद कर देना चाहिए कि ये हम बनाम वो हैं, क्योंकि ऐसा नहीं है. हम सब इसमें एक हैं. ये कंटेंट बनाने वालों के लिए जरूरी है कि क्या आगे दर्शकों के सामने जाता है. जहां तक बॉम्बे बेगम्स की बात है तो यह एक काल्पनिक कहानी है, जिसमें 5 अलग पीढ़ी की महिलाओं की कहानी को दिखाया गया है. ये 13 साल की बच्ची से शुरू होती है और 49 साल की महिला तक जाती है. मैं उसे मेरी जीत के रूप में नहीं देखती लेकिन एक ट्राइब की जीत के तौर पर देखती हूं. 

मैं अपनी सीरीज को मिले जनता के रिस्पॉन्स से बहुत खुश हूं. मुझे अमृतसर से नीदरलैंड के नैरोबी से मैसेज आ रहे हैं. ऐसी जगहों से लोग मैसेज कर रहे हैं जहां आमतौर पर भारतीय शोज को नहीं देखा जाता. तो ऐसे में मेरा रिएक्शन आयोग के साथ बैठकर चर्चा करना और बताना था कि शो में शाई का रोल असल में एक परेशान टीनएजर का था. 

मैंने फिल्म बनाई थी रोग, जिसके लिए सेंसर से सर्टिफिकेट लिया, बीएमसी से बात की और पोस्टर लगाए. फिर भी कोई आया जिसने मुझ पर अश्लीलता दिखाने का आरोप लगाया. मैंने ये केस 10 साल तक लड़ा था जिसके बाद कोर्ट ने कहा कि अश्लीलता आखिर क्या है, एक इंसान के लिए रोमांस दूसरी के लिए अश्लील हो सकता है तो फिर हम लाइन कहां खींचेंगे.  

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हमारी सीरीज के लिए आयोग अगर ऐसे सवाल उठा रहा है तो अच्छा है. हमें उन्हें सराहना चाहिए कि वो अपना काम कर रहे हैं. शो में दिखाया गया है कि बच्ची सिर्फ एक कश सिगरेट का लेती है. उसे चेन स्मोकर नहीं दिखाया गया है. शो में दिखाया गया है कि ड्रग ओवरडोज से वो मरने की हालत में आ जाती है. तो इस सीन से बड़ों को और बच्चों को भी सिखाया गया कि देखो आप ऐसी चीजों से मर भी सकते हैं. OTT पर आने वाले शोज आपको अलग कहानी और बड़ी सीख देते हैं, ऐसे में आप समंदर को एक ग्लास में नहीं भर सकते. 

 

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