वेब सीरीज 'पंचायत 3' की हर ओर चर्चा हो रही है. इसके हर किरदार ने दर्शकों के दिलों में गहरी छाप छोड़ी है. सीरीज में आपने बुल्लू कुमार (माधव बकरीवाला) को एक मजेदार रोल में देखा होगा. वो पंचायत 2-3, महारानी, ग्रहण, खाकी, रनवे लुगाई में काम कर चुके हैं.
'पंचायत' से लाइमलाइट में आए एक्टर को आज लोग पहचानते हैं. अच्छे प्रोजेक्ट्स में वो काम कर रहे हैं. लेकिन उनके लिए यहां तक पहुंचना आसान नहीं था. जोश टॉक्स में बुल्लू ने अपने करियर और स्ट्रगल की जर्नी को शेयर किया. बताया कैसे गांव के किसान का ये बेटा पंचायत का माधव बनकर मशहूर हुआ.
कैसे शुरू हुई जर्नी?
बुल्लू बिहार के नवादा जिले से हैं. किसान परिवार से आते हैं. बुल्लू के पिता किसान थे. बुल्लू ने बचपन से एक्टर बनने का सपना नहीं देखा था. ग्रेजुएशन पूरा कर जब वो पटना नौकरी करने आए तब उन्हें एक्टिंग का चस्का लगा. 2011 में वो पहली बार मुंबई आए. फिर कास्टिंग के लिए दिन भर लाइनों में लगे रहते थे. कुछ फायदा नहीं हो रहा था. ऑडिशन नहीं हुआ बस इंट्रो देने तक सिलसिला पहुंचा था. थक हारकर काम ना मिलने की वजह से बुल्लू को पटना लौटना पड़ा.
लेकिन मन तो उनका एक्टिंग में लगा था. वो सिनेमा ही करना चाहते थे. फिर उनके करियर की गाड़ी चल निकली. 2 साल बाद उन्हें पटना में फिल्म 'गुटरु गुटर गू' मिली, इसमें वो मेन लीड थे. लेकिन उनका स्ट्रगल फिर भी चालू रहा. 3-4 साल तक उनके पास कोई बड़ा काम नहीं था. क्योंकि उन्होंने मेन लीड किया था इसलिए छोटे रोल ऑफर नहीं होते थे. उन्होंने डायरेक्टर्स के पास जाकर काम मांगा और छोटे कैरेक्टर रोल उन्हें मिलने लगे.
मुकेश छाबड़ा का वो कॉल और बदली किस्मत
लॉकडाउन से पहले उनके पेरेंट्स गुजर गए थे. वो अपने गांव लौटे. सोचा अब तो खेती बाड़ी ही करनी पड़ेगी, गांव से ही थियेटर का एक ग्रुप चलाएंगे. फिर एक दिन लॉकडाउन खत्म होने वक्त उन्हें कास्टिंग डायरेक्टर मुकेश छाबड़ा का सीरीज ग्रहण के लिए फोन आया था. शुरुआत में वो इसे फेक कॉल मान रहे थे. लेकिन जब मालूम पड़ा ऑफर फेक नहीं है तो उनकी खुशी का ठिकाना नहीं था. इस शो के बाद उन्हें 'पंचायत' मिली.
बुल्लू ने बताया 'पंचायत' के सेट पर जाने से पहले वो रात भर नर्वस थे. उन्हें लगा था इतने बड़े एक्टर्स के साथ वो कैसे स्टैंडआउट करेंगे. जब सेट पर गए तो उन्होंने अपना बेस्ट दिया. उनके काम की सभी ने तारीफ की है. अब फैंस को बुल्लू के अगले प्रोजेक्ट का इंतजार है.