स्वर कोकिला लता मंगेशकर को गुजरे एक हफ्ता गुजर चुका है लेकिन अभी भी यकीन नहीं होता कि वे हमारे साथ नहीं हैं. आजतक के इवेंट श्रद्धांजलि तुम मुझे भूला ना पाओगे में दिग्गज कलाकारों ने लता मंगेशकर को अपनी श्रद्धांजलि दी है. बॉलीवुड सिंगर पलक मुच्छल ने भी लता दीदी के कही बातों को याद किया और कुछ अनकहे किस्से साझा किया.
8 साल की पलक से लता जी ने कही थी ये बात
पलक मुच्छल ने बताया कि लता दीदी से उनकी पहली मुलाकात तब हुई थी जब पलक 8 साल की थीं. पलक ने कहा- 'मैं बहुत छोटी थी. लता दीदी मेरे लिए मां सरस्वती का रूप रही हैं. एक बार उन्होंने मुझसे कहा-तुम सामाजिक कार्य करती हो और इसे कभी मत छोड़ना, लता दीदी की कही इस बात ने मुझे आगे के सफर में भी प्रेरित किया है.
आगे पलक मुच्छल ने बताया कि वे लता जी को बेहद करीब से फॉलो करती थीं. जिन खानों से लता जी परहेज करती थीं, पलक भी वैसा ही करती थीं. पलक कहती हैं- 'हम मारवाड़ी परिवार से हैं तो जो बातें लता जी के बारे में बताई जाती थीं वो मैं भी फॉलो करती थी. जैसे तला-भुना ना खाना, खट्टा नहीं खाना ये सब चीजें.'
जब लता जी के तलफ्फुज पर दिलीज साहब ने उठाया सवाल
पलक ने इवेंट में अपनी मीठी आवाज से लता जी का वो गाना सुनाया जो उन्होंने पहली बार सुना था. 'आएगा आएगा आएगा...आने वाला...' उन्होंने कहा कि लता जी जिंदगी से सबसे अच्छी बात जो उन्होंने सीखी वो है 'परफेक्शन की जिद'. वो एक वाकया बताती हैं- 'मुझे एक वाकया याद है जब उन्होंने गाना शुरू किया तब उनके तलफ्फुज में मराठी एक्सेंट आता था. दिलीप कुमार साहब ने उनसे ये बात कही. लता दीदी ने दिलीप साहब की बात को सुना और अपने तलफ्फुज को ठीक करने की ठान ली. छह महीने बाद जब दिलीप साहब उनसे मिले तब उन्हें विश्वास ही नहीं हुआ कि ये आवाज लता जी की ही थी.'
Lata Mangeshkar Forever: जिस लता मंगेशकर की आवाज का मुरीद जमाना, उन्हें था इस बात का डर...
पलक कहती हैं कि आने वाली पीढ़ियां भी लता दीदी से बहुत सीखेंगी. उन्हीं को आधार मानकर वे अपना रियाज करेंगे. उन्होंने लता दीदी का अपना पसंदीदा गीत 'लग जा गले' भी सुनाया. बातचीत खत्म करते हुए पलक मुच्छल ने लता मंगेशकर को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की. उन्होंने कहा कि लता जी में दैवीय गुण थे.