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'बॉलीवुड में काबिल एक्टर्स को देते हैं सपोर्टिंग रोल', क्यों गुस्से में बोले नवाजुद्दीन सिद्दीकी?

नवाजुद्दीन सिद्दीकी का कहना है कि बॉलीवुड इंडस्ट्री में कोई असली दोस्ती-यारी नहीं है. एक्टर्स एक-दूसरे से दोस्ती इसलिए नहीं रखते क्योंकि उनके अंदर एक इनसिक्योरिटी रहती है. साथ ही एक्टर्स अच्छे से ट्रेनिंग नहीं लेता या उम्मीद से बेहतर काम नहीं करते, उन्हें लगातार मौके मिलते रहते हैं.

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नवाजुद्दीन सिद्दीकी
नवाजुद्दीन सिद्दीकी

नवाजुद्दीन सिद्दीकी बॉलीवुड के सबसे मंजे हुए एक्टर्स में से एक हैं. उनकी एक्टिंग अपनी हर फिल्म में शानदार होती है. वो हिंदी सिनेमा की कई बेहतरीन फिल्मों का हिस्सा रह चुके हैं जिससे उनका करियर बड़ा होता गया है. मगर कई बार वो अपने विवादित बयानों के चलते सुर्खियों में आ जाते हैं. उन्होंने पिछले कुछ समय में बॉलीवुड पर काफी बात की है. अब उन्होंने दोबारा एक बड़ी बात कही है.

बॉलीवुड में दोस्ती पर बोले नवाजुद्दीन

हाल ही में नवाजुद्दीन ने अपना 50वां जन्मदिन मनाया. इस खास मौके पर एक्टर ने 'स्क्रीन' संग खास बातचीत की. नवाज का कहना है कि बॉलीवुड इंडस्ट्री में कोई असली दोस्ती-यारी नहीं है. एक्टर्स एक-दूसरे से दोस्ती इसलिए नहीं रखते क्योंकि उनके अंदर एक इनसिक्योरिटी रहती है. इंडस्ट्री में समय के साथ-साथ दोस्ती बदलती रहती है. आज एक दोस्त है, कल कोई और दोस्त होगा, अपनी जरूरत के हिसाब से सब होता रहता है. जो मेरे दोस्त हैं वो सभी पुराने टाइम के हैं, इंडस्ट्री में कोई नहीं है.'

'ऐसा इसलिए हो रहा है क्योंकि यहां हर एक्टर के अंदर एक इनसिक्योरिटी है, और इसी वजह से किसी के बीच कोई गहरी दोस्ती या वफादारी नहीं हो पाती. इंडस्ट्री आपस में मजबूत और एकसाथ उस तरह से नहीं है. यहां एक क्लब है जो अलग रहता है, लेकिन उसमें भी सब साथ नहीं रहते.'

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कमजोर एक्टर्स को मिलता रहता है मौका

नवाजुद्दीन ने आगे इंडस्ट्री के बारे में ये भी बात सामने रखी कि जो एक्टर्स अच्छे से ट्रेनिंग नहीं लेता या उम्मीद से बेहतर काम नहीं करते, उन्हें लगातार मौके मिलते रहते हैं. जबकि जो मंजे हुए आर्टिस्ट्स होते हैं, उन्हें फिल्मों में सिर्फ सपोर्टिंग रोल तक सीमित कर दिया जाता है. नवाज ने कहा, 'वो एक्टर्स जो उतने सही नहीं होते, उन्हें किसी तरह से एक्टिंग कराई जाती है और ये सिर्फ हमारी इंडस्ट्री में ही होता है. बाकी इंडस्ट्री को प्रोफेशनल और ट्रेन्ड एक्टर्स चाहिए होते हैं. वरना वो उन्हें फिल्मों में नहीं आने देते.'

'ऑडियंस भी एक्टर की खराब एक्टिंग देखने की आदी हो जाती है और जब हम उनकी पहली और 15वीं फिल्म को कम्पेयर करते हैं, तब हम सोचते हैं कि उनकी एक्टिंग पहले के मुकाबले बेहतर हुई है. अगर आपने उन 15 फिल्मों में एक अच्छे और काबिल एक्टर को लिया होता, तो वो एक्टर का करियर कुछ और ही बन जाता. काबिल और अच्छे एक्टर्स को सिर्फ सपोर्टिंग रोल्स में डाल दिया जाता है, जो मुझे बहुत गुस्सा दिलाता है.'

बता दें, ये पहला मौका नहीं है जब नवाजुद्दीन ने बॉलीवुड में अच्छे एक्टर्स को सही मौका नहीं मिलने पर चिंता या नाराजगी जताई है. इससे पहले भी वो दिवंगत एक्टर इरफान खान और ओम पुरी पर भी बात कर चुके हैं. उन्होंने कहा था कि एक्टर्स को उनके मरने के बाद याद किया जाता है. लोग उन्हें सारी तारीफ तभी देते हैं जब वो छोड़कर चले जाते हैं. अगर उन्हें उनके जीते जी अच्छी फिल्मों में काम मिला होता, तो काफी अच्छा होता. 

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