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'लक्ष्मी' से पहले बनीं वो फिल्में जिनमें दिखे ट्रांसजेंडर्स की जिंदगी के अलग पहलू

ट्रान्सजेंडर्स पर भले ही ये एक कॉमेडी हॉरर फिल्म बनी है मगर इससे पहले ट्रान्सजेंडर्स और उनकी लाइफ के कुछ संवेदनशील पहलुओं पर भी फिल्में बनाई जा चुकी हैं. बता रहे हैं ऐसी ही कुछ फिल्मों के बारे में.

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कियारा आडवाणी, लक्ष्मी नारायण, अक्षय कुमार
कियारा आडवाणी, लक्ष्मी नारायण, अक्षय कुमार

अक्षय कुमार की फिल्म लक्ष्मी रिलीज हो गई है. फिल्म में वे एक ट्रान्सजेंडर घोस्ट के रोल में नजर आने वाले हैं. अक्षय खुद इस रोल को अपनी लाइफ के सबसे मुश्किल रोल्स में से एक मानते हैं. ट्रान्सजेंडर्स पर भले ही ये एक कॉमेडी हॉरर फिल्म बनी है मगर इससे पहले ट्रान्सजेंडर्स और उनकी लाइफ के कुछ संवेदनशील पहलुओं पर भी फिल्में बनाई जा चुकी हैं. बता रहे हैं ऐसी ही कुछ फिल्मों के बारे में. 

जस्ट अनदर लव स्टोरी- ये एक बंगाली फिल्म थी जिसका निर्देशन कौशिक गांगुली ने किया था. फिल्म में रितुपर्णो घोष मेन लीड रोल में नजर आए थे. फिल्म की काफी प्रशंसा हुई थी. बंगाली में इसे Arekti Premer Golpo नाम से रिलीज किया गया था जो फिल्म का ऑरिजनल टाइटल है. फिल्म में रितुपर्णो ने एक दिल्ली बेस्ड ट्रान्सजेंडर का रोल प्ले किया था.

दायरा- दायरा फिल्म का निर्देशन अमोल पालेकर ने किया था. फिल्म में ट्रान्सवेस्टिज्म जैसे मुद्दे को दर्शाया गया था. ट्रान्सवेस्टिज्म में शख्स अपने अपोजिट जेंडर की तरह गेटअप लेना और डांस करना पसंद करता है. हालांकि फिल्म में और भी कई पहलू थे. सोनाली कुलकर्णी और निर्मल पांडे फिल्म में अहम रोल में नजर आए थे.

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दर्मियां- इस फिल्म का निर्देशन कल्पना लाजमी ने किया था. फिल्म में ट्रान्सजेंडर समाज की व्यथा को गहनता से दर्शाया गया था. पहले फिल्म में शाहरुख खान लीड रोल प्ले करने वाले थे. मगर बाद में आरिफ जकारिया ने इस रोल को प्ले किया. फिल्म में दिखाया गया था कि एक किन्नर बच्चे की परवरिश कैसे होती है और उसे किन परिस्थितियों से गुजरना पड़ता है. फिल्म में किरण राव और तब्बू भी अहम रोल में थीं. इसका म्यूजिक भुपेन हजारिका ने दिया था.

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गुलाबी आईना- 90 के दशक में रिलीज हुई इस फिल्म को ट्रान्सजेंडर जैसे विषय पर बनी सबसे पहली फिल्म माना जाता है. फिल्म में दो हिजड़ों और एक गे के बीच के लव ट्राएंगल को दर्शाया गया था. फिल्म को जहां एक तरफ काफी सपोर्ट मिला तो वहीं दूसरी तरफ इसे भारी विरोध का भी सामना करना पड़ा था. फिल्म आज भी भारत समेत कई देशों में बैन है. हालांकि कई इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल्स में इसकी स्क्रीनिंग भी की जा चुकी है.  

68 पेजेस- ये फिल्म पूरी तरह से तो ट्रान्सजेंडर पर बेस्ड नहीं थी मगर इसमें किन्नर समाज के कुछ पहलुओं पर जरूर गौर किया गया था. फिल्म की कहानी एक ट्रान्ससेक्शुअल बार डांसर, सेक्स वर्कर और एक गे के इर्द-गिर्द घूमती नजर आई थी. फिल्म को यूएसए के इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में खास अवॉर्ड से भी सम्मानित किया गया था.

 

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