बॉलीवुड ने हम सभी को अपने शुरूआती दिनों से अब तक कई बेहतरीन फिल्में दी हैं. 60 के दशक को बॉलीवुड का बेहतरीन समय में गिना जाता है. इस समय कई बढ़िया फिल्में रिलीज हुई थीं, जिन्होंने दर्शकों पर एक अलग छाप छोड़ी. इन्हीं में से एक फिल्म थी दोस्ती.
सुशील कुमार और सुधीर कुमार स्टारर फिल्म दोस्ती, दो गरीब दोस्तों रामू और मोहन की कहानी थी. रामू के माता-पिता के गुजर जाने और चोट लगने की वजह से पैरों में खराबी आ जानेे के बाद उसे घर से बाहर निकाल दिया जाता है. तब सड़कों पर घूमते हुए उसकी मुलाकात मोहन से होती है, जो अंधा है. ये दोनों दोस्त इतनी बड़ी दुनिया में अपनी जिंदगी कैसे जीते है यही फिल्म में दिखाया गया था.
फिल्म ने अपने समय में की थी छप्पर फाड़ कमाई
फिल्म दोस्ती को कम बजट में बनाया गया था और अपने समय में सुपरहिट फिल्म साबित हुई थी. इसे दर्शकों से इतना पसंद किया था कि उस जमाने में इस फिल्मन ने लगभग 2 करोड़ रुपये का बॉक्स ऑफिस कलेक्शन किया था. ये 1964 की सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्मों की लिस्ट में तीसरे नम्बर पर थी और इसे 6 फिल्मफेयर अवॉर्ड्स मिले थे.
डायरेक्टर सत्येन बोस की फिल्म दोस्ती को फिल्मफेयर अवॉर्ड्स 1965 में 7 केटेगरी में नॉमिनेट किया गया था, जिसमें से इसने 6 केटेगरी में अवॉर्ड्स जीते थे. ये उस साल सबसे ज्यादा अवॉर्ड्स जीतने वाली फिल्म बनी थी. इसे बेस्ट फिल्म, बेस्ट म्यूजिक डायरेक्टर, बेस्ट स्टोरी, बेस्ट डायलॉग, बेस्ट लिरिसिस्ट (मजरूह सुल्तानपुरी) और बेस्ट प्लेबैक सिंगर (मोहम्मद रफी) के अवॉर्ड्स मिले थे.
इस फिल्म के गानों ने इसकी शान और इमोशन्स को बढ़ाया था और इसकी एल्बम के सभी गाने ऑल टाइम क्लासिक्स में गिने गए. फिल्म का गाना चाहूंगा मैं तुझे सांझ सवेरे आज भी सिनेमा के दीवानों को याद है. इसी गाने के लिए मोहम्मद रफी और मजरूह सुल्तानपुरी को फिल्मफेयर अवॉर्ड्स मिले थे. बाद में मलयालम और तेलुगू भाषा ने इस फिल्म के रीमेक भी बनाए गए थे.