बॉलीवुड में कई ऐसी जोड़ियां बनी हैं, जिनकी प्रेम कहानी ने लाखों दिलों को छुआ और जिनके अलग होने पर लाखों लोगों के दिल भी टूटे. उन्हीं में से एक थे राज कपूर और नरगिस. नरगिस और राज को प्यार हुआ, दोनों के बीच इकरार भी हुआ लेकिन दोनों कभी एक नहीं हो पाए. बॉलीवुड की बेहतरीन अदाकाराओं में से एक नगरिस ने कई सालों तक सिने जगत पर राज किया था. नरगिस ने भले ही सुनील दत्त से शादी की थी लेकिन राज कपूर संग उनके अफेयर की चर्चा जोरों पर रही.
नरगिस का असली नाम कनीज फातिमा राशिद था. उन्होंने 1935 में बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट फिल्म 'तलाश-ए-इश्क' से डेब्यू किया था. घर में मां जद्दनबाई के एक्ट्रेस होने के कारण फिल्मी माहौल था. इसके बावजूद बचपन में नरगिस की अभिनय में कोई दिलचस्पी नहीं थी. वो डॉक्टर बनना चाहती थीं लेकिन उनकी मां चाहती थी कि वो एक्ट्रेस बनें.
ऋषि कपूर की ऑटोबायोग्राफी के मुताबिक फिल्म अंदाज के सेट्स पर नरगिस को देखकर राज अपना दिल हार बैठे थे. नरगिस भी राज को पसंद करती थीं. राज कपूर और नरगिस को प्यार तो हुआ लेकिन दोनों की टाइमिंग खराब थी क्योंकि उस दौरान राज पहले से ही शादीशुदा थे. दोनों की नजदीकियां बढ़ने लगी. नरगिस जब राज से मिली तब वो पहले से ही सुपरस्टार थीं. उनकी पिछली 8 फिल्में सुपरहिट हो चुकी थीं.
राज और नरगिस की जोड़ी को जनता ने भी खूब पसंद किया और दोनों ने एक के बाद एक कई हिट फिल्में दीं. दोनों ने 16 फिल्मों में साथ काम किया था. इसमें आग, अंदाज, श्री 420, चोरी-चोरी शामिल हैं. बताया जाता है कि नरगिस, जी-जान से राज कपूर संग शादी करने की तमन्ना रखती थीं. उन्हें पता था कि राज के पहले से शादीशुदा होने की वजह से दोनों कानूनी शादी नहीं कर सकते थे इसलिए नरगिस ने वकीलों से सलाह भी ली थी.
बताया ये भी जाता है कि राज कपूर ने ये फैसला किया था कि नरगिस किसी और निर्माता के साथ काम नहीं करेंगी. नरगिस ने भी राज की बात मान ली थी और कई फिल्ममेकर के साथ काम करने से मना कर दिया था. राज, नरगिस के साथ रहना चाहते थे लेकिन उन्होंने यह बात साफ कर दी थी कि वह अपने परिवार और बच्चों को नहीं छोड़ेंगे.
बाद में राज की शादी और दोनों के परिवारों की नामंजूरी के चलते दोनों अलग हो गए. दोनों का रिश्ता 9 सालों तक चला था और फिल्म चोरी-चोरी उनकी साथ में आखिरी फिल्म थी. खबर है कि नरगिस से अलग होने के बाद राज कपूर टूट गए थे और घंटों अपने बाथरूम में रोया करते थे. बताया ये भी जाता है कि नरगिस, राज से अलग होने के बाद डिप्रेशन में चली गई थीं.
राज कपूर से रिश्ता खत्म होने के बाद नरगिस ने दूसरे निर्माताओं के साथ काम करना शुरू कर दिया था. फिल्म मदर इंडिया के सेट पर उनकी मुलाकात सुनील दत्त से हुई थी. सुनील की वजह से नरगिस की जिंदगी में वापस खुशियां आई थीं.
नरगिस की पर्सनल डायरी से उठाई गई कुछ पक्तियों को लेखिका किश्वर देसाई ने अपनी किताब Darlingji में लिया था. इसमें नरगिस ने लिखा था- ''अगर वो (सुनील दत्त) ना होते तो मैं अपनी जिंदगी 8 मार्च से पहले ही खत्म कर लेती. क्योंकि मैं ही जानती थी कि मुझपर क्या बीत रही थी. उन्होंने मुझे कहा था, 'मैं चाहता हूं तुम जिन्दा रहो' और मुझे लगा कि अब मुझे जीना ही होगा. जीवन की शुरुआत एक बार फिर करनी होगी.''
(फोटो में - राज कपूर-नरगिस)
बताया जाता है कि नरगिस की सुनील दत्त से शादी के बाद राज कपूर को बड़ा झटका लगा था. नरगिस का अपनी जिंदगी में आगे बढ़ना उन्हें किसी धोखे जैसा लगा था. राज की पत्नी कृष्णा कपूर ने एक इंटरव्यू में बताया था कि राज कपूर हर रात शराब पीकर आते थे और अपने घर के बाथटब में गिरकर खूब रोते थे. साल 1980 में 2 जून को राज कपूर का निधन हो गया था. वो कहते थे कि मेरे मरने के बाद मेरी याद में लिखना - ये वो आदमी है जो सिर्फ प्यार करना चाहता था.