पाकिस्तानी एक्टर फवाद खान को किसी परिचय की जरूरत नहीं. हिंदी सिनेमा में भी इन्होंने बेहतरीन काम कर अपनी फैन फॉलोइंग बनाई हुई है. हाल ही में फवाद खान ने फ्री स्टाइल मिडिल ईस्ट को इंटरव्यू दिया, जिसमें उन्होंने स्ट्रगल, करियर, बचपन की यादों के साथ जब 17 साल की उम्र में उन्हें डायबिटीज हो गई थी, इसके बारे में खुलकर बात की.
कराची में जन्मे फवाद खान की स्कूलिंग कई जगहों से हुई. इनके पिता सरकारी ऑफिसर थे, तो ऐसे में उनका ट्रांसफर होता रहता था. दो साल एथन्स रहने के बाद फवाद दुबई शिफ्ट हुए. फिर रियाद और इसके बाद मेनचेस्टर.
आखिर में वह पाकिस्तान लौटे और लाहौर में परमानेंटली बस गए. लाहौर ग्रामर स्कूल से इन्होंने पढ़ाई पूरी की. फवाद ने बताया कि वह कॉलेज के दिनों में एक अंडरग्राउंड बैंड का हिस्सा बने थे.
धीरे-धीरे वह उनकी हॉबी बन गई. महीने में फवाद बैंड के साथ काम करके 12 हजार रुपये कमा लेते थे. एक्टिंग का चस्का लगा, तब जाकर इसी में अपना करियर बनाना फवाद ने चुना.
फवाद बताते हैं कि जब वह 17 साल के थे तो उन्हें टाइप 1 डायबिटीज हुई. बुखार नहीं उतरा और इसी के चलते उन्होंने 10 किलो वजन कम कर लिया था. पेरेंट्स घबरा गए थे.
आज फवाद को डायबिटीज हुए 24 साल हो गए हैं. वह इसे अच्छी तरह मैनेज करके चल रहे हैं. फवाद कहते हैं कि जब बीमारी के बारे में मुझे पता लगा तो मैं टूट गया था. सोचने लगा था कि आखिर यह मेरे साथ ही क्यों हुआ? खुद को काफी दुख दिया और सोचने लगा कि दुनिया का बदकिस्मत इंसान मैं ही हूं.
समय के साथ फवाद की सोच बदली और करियर में उन्होंने आगे बढ़ना शुरू किया. आज वह खुद को खुशनसीब मानते हैं और कहते हैं कि मैंने करियर में काफी कुछ अच्छा अचीव किया है.
"अगर मुझे मौका मिले कि मैं 17 साल वाले फवाद में कुछ बदलाव करना चाहूं तो ऐसे में मैं उसको सिखाऊंगा कि हमेशा अपने गट की सुनो. फवाद का कहना है कि हमें खुद का रास्ता खुद ही बनाना पड़ता है."
"आगे बढ़ते रहना चाहिए. अगर आप किसी चीज को या बीमारी को ही प्यार और केयर से ट्रीट करेंगे तो सक्सेसफुल रहेंगे. कन्ट्रोल करने की शक्ति आपने रहेगी. जब आप मुश्किल पलों को हैंडल करना सीख जाते हो तो आगे के जीवन में सक्सेसफुल होते हो."