बॉलीवुड एक्ट्रेस मीना कुमारी ने अभिनय की दुनिया में खूब नाम कमाया. उनके हुस्न पर सभी फिदा रहे. एक्ट्रेस ने अपने करियर में जितनी ऊचाइयां हासिल की उनका निजी जीवन उतनी ही परेशानियों से भरा रहा. 39 साल की उम्र मरने की कोई उम्र तो नहीं होती. मगर इतने कम वक्त में कोई महजबीन, मीना कुमारी भी नहीं बन सकती.
मीना कुमारी होना सिर्फ खुदा की देन नहीं, हालातों-जज्बातों का एक ऐसा तूफानी सफर है जिसमें फूल कम और कांटे ज्यादा हैं. मीना कुमारी ने वो सफर तय किया. एक्ट्रेस का जन्म 1 अगस्त, 1933 को मुंबई के दादर में हुआ था और 31 मार्च, 1972 को 39 साल की उम्र में बॉलीवुड की ट्रैजडी क्वीन ने दुनिया को अलविदा कह दिया. उनकी पुण्यतिथि पर बता रहे हैं एक्ट्रेस के जीवन से जुड़े कुछ अनसुने किस्से.
मीना कुमारी जब पैदा हुईं उस समय ही जीवन उनके सामने एक चुनौती के रूप में खड़ा हो गया. उनके पापा चाहते थे कि बेटा हो. जो कुल को आगे भी बढ़ाए और बड़ा होकर बुढ़ापे का सहारा भी बने. मगर शायद किस्मत को कुछ और ही मंजूर था. महजबीन का जन्म हुआ. परिवार में पहले से 2 बेटियां थीं. यहां तक कि जब महजबीन पैदा हुईं तो उनके पिता के पास डिलीवरी तक के पैसे नहीं थे.
निराश होकर उन्होंने बच्ची को दादर के पास एक मुस्लिम अनाथालय के बाहर छोड़ दिया. मगर इतना बड़ा निर्णय लेने के चंद लम्हों बाद ही उन्हें ये एहसास हो गया कि वे बच्ची के साथ नाइंसाफी कर रहे हैं. इसलिए वे महजबीन को वापस घर ले आए.
छोटी सी उम्र में ही महजबीन के ऊपर घर की बड़ी जिम्मेदारी आ गई. वे खूबसूरत तो थी हीं. उन्हें बॉलीवुड में चाइल्ड एक्ट्रेस के तौर पर काम मिल गया. पैसे कमाने लगीं. और यहीं से महजबीन के मीना कुमारी बनने का सफर भी शुरू हो गया.
मीना कुमारी बेहद खूबसूरत थीं और अदायगी का हुनर भी उनमें भरपूर था. एक डायरेक्टर ने मीना कुमारी के बारे में बात करते हुए कहा था कि दिलीप कुमार जैसे जानदार एक्टर को भी मीना कुमारी के सामने स्थिर रहने में मुश्किल होती थी. मधुबाला ने कहा था कि मीना जैसी आवाज किसी दूजी एक्ट्रेस की नहीं है.
राज कपूर उनके आगे अपने डायलॉग भूल जाते थे और मीना को लंबे-लंबे डायलॉग सुनने भर से ही याद हो जाया करते थे. दिग्गज फिल्म निर्देशक सत्यजीत रे ने मीना कुमारी के बारे में कहा था कि “निश्चित रूप से वे बहुत ऊंचे दर्जे की अभिनेत्री हैं.”
मीना कुमारी ने अपने 33 साल के करियर में 92 फिल्मों में काम किया. बैजू बावरा, परिणिता, दो बीघा जमीन, चांदनी चौक, आजाद, यहूदी, दिल अपना और प्रीत पराई, कोहिनूर, साहेब बीवी और गुलाम, दिल एक मंदिर, फूल और पत्थर, चित्रलेखा, काजल, मंझली दीदी, पाकीजा और मेरे अपने जैसी फिल्मों में काम किया. ये सभी फिल्में अपने जमाने की बड़ी फिल्में मानी जाती हैं.
एक्ट्रेस की पर्सनल लाइफ दुखभरी रही. मीना कुमारी को कमाल अमरोही से प्यार हुआ. मगर ये रिश्ता सफल ना हो सका. कमाल और मीना का रिश्ता करीब एक दशक चला. बाद में इसमें खटास आने लगी. कमाल भी उन्हें लेकर बहुत पजेसिव हो गए थे. उन्होंने मीना कुमारी के जीवन में कई बंदिशें लगा रखी थीं. जैसे उनके मेक-अप रूम में किसी मर्द का घुसना मना था.
मगर मीना कुमारी ने हर नियम तोड़ा. बताया जाता है कि उन्होंने एक बार स्टूडियो में गुलजार को बुलाया और सबके सामने अपना स्नेह प्रदर्शित किया. उसके बाद पति के घर से चली गईं और अपनी बहन के यहां रहने लगीं. शराब की लत ने उन्हें खत्म कर दिया. शायद यही उनकी इच्छा भी थी. जीवन के हर मोड़ ने उनकी परीक्षा ली. हर परीक्षा पर मीना कुमारी खरी उतरीं. मगर जीवन इतने नाप-तौल से नहीं चलता. जीवन चलता है प्यार से. जो उनकी किस्मत में ही नहीं था. था तो सिर्फ गमों का अंबार जिसने उन्हें बॉलीवुड की ट्रैजडी क्वीन बना दिया.