फिल्म 'जयेशभाई जोरदार' के साथ बड़े पर्दे पर हिंदी फिल्मों में अपना डेब्यू करने जा रहीं शालिनी पांडे का ट्रांसफॉर्मेशन जबरदस्त नजर आ रहा है. वह पहले से ज्यादा फिट दिखाई दे रही हैं. साथ ही सोशल मीडिया पर इनकी ग्लैमरस फोटोज देखते ही देखते वायरल हो रही हैं. फिल्म 'अर्जुन रेड्डी' फेम शालिनी का कहना है कि उन्होंने इंडस्ट्री के लिए खास तरह दिखने का दबाव कभी महसूस नहीं किया.
शालिनी बताती हैं, "मुझे हमेशा से अपनी फिजीक पर भरोसा रहा है और मैंने कभी इस पर ध्यान नहीं दिया कि लोग मेरे शरीर को लेकर क्या बातें कर रहे हैं. शारीरिक रूप से मैं जिस भी फेज में थी, वह मुझे पसंद आता था और दरअसल किसी खास तरह का बॉडी टाइप हासिल करने के लिए मैंने खुद पर कभी दबाव नहीं डाला." वह स्वीकार करती हैं कि अपने लुक को लेकर महिलाओं की बेवजह नुक्ताचीनी की जाती है. एक्ट्रेस कहती हैं, "मेरा ख्याल है कि शारीरिक रूप से एक खास तरह का दिखने को लेकर महिलाओं पर बहुत दबाव होता है और यह ठीक बात नहीं है, इसलिए मैं खुद में आए बदलाव को किसी ट्रांसफॉर्मेशन के तौर पर नहीं देखती."
शालिनी ने आगे कहा कि मैं इसे अपनी बॉडी के उस फेज के रूप में देखती हूं, जिसे अपनी सही भूमिका निभाने हेतु स्क्रीन पर दिखने के लिए हासिल किया गया है. बहरहाल, अपने मौजूदा लुक को लेकर मैं बेहद खुश हूं और इससे मुझे सुकून भी मिला है
शालिनी का कहना है कि अपनी सेहत को लेकर वह हमेशा सचेत और जागरूक रही हैं. एक्ट्रेस बताती है, "मैंने अब तक की जिंदगी में अक्सर सेहतमंद खाना ही खाया है. मैं हमेशा खेलकूद में हिस्सा लेती रही हूं और 5वीं कक्षा से ही मैंने स्वीमिंग शुरू कर दी थी. दरअसल, मैं कई तरह के खेल खेलती थी, जिनमें बैडमिंटन और वॉलीबॉल भी शामिल है. मैं बहुत ऑउटडोर किस्म की बच्ची थी. यकीनन मैं हमेशा से फिटनेस की दीवानी रही हूं."
अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए शालिनी कहती हैं कि वजन घटाने की इस खास जरूरत के लिए मुझे खाने-पीने के एक प्लान पर अमल करना पड़ा और सौभाग्य से मैं एक ऐसी फिल्म कर रही थी, जिसमें डांस रिहर्सल बहुत होती थी, जिसने मेरा वजन घटाने में बड़ा साथ दिया, इसलिए मैं ऐसा कुछ खास नहीं बता सकती जो अपना वजन घटाने के लिए मैंने किया हो, लेकिन मुझे लगता है कि खाने-पीने का चुस्त प्लान वाकई मेरे काम आया.
वह कहती हैं, "मैं फिल्मों में काम करने के लिए हमेशा बड़ी उत्सुक रही हूं. मैंने एक्टिंग और फिल्म मेकिंग की प्रक्रिया का हमेशा आनंद उठाया है, इसलिए मैं यह नहीं कहूंगी कि बड़े पर्दे पर होने जा रहे मेरे हिंदी डेब्यू का मुझ पर कोई दबाव है. दरअसल, इसे मैं उत्साह का नाम दूंगी, क्योंकि मैं हमेशा बेहद खुश रहती हूं और यकीनन फिल्म की रिलीज का इंतजार कर रही हूं."
एक आर्टिस्ट के रूप में अपने ऑन-स्क्रीन परफॉर्मेंस को बेहतरीन बनाने के लिए शालिनी अपने बॉडी टाइप को बदलने में हमेशा सहज महसूस करती हैं. वह बताती हैं, "अगर किसी फिल्म की स्क्रिप्ट और मेरे निर्देशक की जरूरत है कि मैं स्क्रीन पर एक खास तरह की दिखूं तो मुझे अपना बॉडी टाइप बदलने में कोई हिचक या समस्या नहीं होगी."
अपनी बात को समाप्त करते हुए शालिनी कहती हैं, "बॉडी को बदलते वक्त उसमें हॉर्मोन संबंधी जबरदस्त बदलाव आ सकते हैं, क्योंकि जब आप वजन को बढ़ा या घटा रहे होते हैं, तो आपको पता होना चाहिए कि आपका शरीर भारी दबाव झेल रहा होता है. हालांकि, स्क्रिप्ट की मांग के मुताबिक मैं तब भी पीछे नहीं हटूंगी, क्योंकि अगर मेरे किरदार को एक खास तरह का दिखने की जरूरत है तो क्यों न आगे बढ़ा जाए? ऐसा करने से मुझे स्क्रीन पर ऑथेंटिक परफॉर्मेंस देने में मदद ही मिलेगी."