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उत्तराखंड में भी काम करेगा पीके का मैनेजमेंट !

पार्टी हर विधानसभा के लिए अलग रणनीति बनाने पर विचार कर रही है, जिससे बीजेपी का सामना किया जा सके. साथ ही पीके पार्टी के अंदर की कमियों को भी साधने की कोशिश कर रहे है, चाहे वह दस विधायकों की बगावत हो या सीएम हरीश रावत पर स्टिंग प्रकरण में सीबीआई का शिकंजा हो.

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कांग्रेस के रणनीतिकार प्रशांत किशोर
कांग्रेस के रणनीतिकार प्रशांत किशोर

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की देहरादून रैली में भारी संख्या में आई भीड़ से घबराई कांग्रेस पार्टी ने उत्तराखंड की चुनावी रणनीति का जिम्मा पीके को सौंपने का मन बना लिया है. कांग्रेस के रणनीतिकार प्रशांत किशोर अब आने वाले उत्तराखंड चुनाव के प्रचार का भी जिम्मा संभालेंगे. मुख्यमंत्री हरीश रावत ने रविवार शाम पीके से मुलाकात की और भावी चुनावी रणनीति का खाका तैयार किया.

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार बीते 27 दिसंबर को पीएम मोदी की रैली में जुटी भीड़ ने कांग्रेसी खेमे में खलबली मचा दी है जिसके बाद से ही कांग्रेस अपना हर अगला कदम फूंक-फूंक कर रखना चाहती है. यही वजह है कि चुनाव की तारीखों के ऐलान के ऐन पहले कांग्रेस को अपनी रणनीति बदलने के लिए मजबूर होना पड़ा. बीजेपी के आक्रामक प्रचार का सामना करने के लिए प्रशांत किशोर ने सीएम हरीश रावत के साथ गुफ्तगु की और अब राज्य में होने वाले हर केंद्रीय मंत्री के दौरों और बीजेपी के बड़े नेताओं की रैली पर नजर रखी जा रही है.

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पार्टी हर विधानसभा के लिए अलग रणनीति बनाने पर विचार कर रही है, जिससे बीजेपी का सामना किया जा सके. साथ ही पीके पार्टी के अंदर की कमियों को भी साधने की कोशिश कर रहे है, चाहे वह दस विधायकों की बगावत हो या सीएम हरीश रावत पर स्टिंग प्रकरण में सीबीआई का शिकंजा हो.

प्रशांत किशोर के टिप्स का असर केंद्रीय छानबीन समिति के फैसले पर भी देखा जा रहा है, समिति ने पार्टी टिकट चाहने वाले प्रत्येक आवेदक से संबंधित विधानसभा क्षेत्र में मतदान केंद्रवार पांच पार्टी कार्यकर्ताओं के नाम, मोबाइल नंबर और पता देने को कहा है. इसके पीछे मकसद यही बताया जा रहा है कि संभावित प्रत्याशी को पहले पार्टी के साथ अपने जुड़ाव को लेकर भी स्थिति साफ करनी होगी.

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