scorecardresearch
 

अखिलेश ने पिता का दांव चलकर सबको चौंकाया

अखिलेश यादव फुटबॉल खेलने के शौकीन रहे हैं. अपनी छवि को लेकर खास ख्याल रखते रहे हैं. शायद इसी पर यकीन करते हुए राहुल और प्रियंका की जोड़ी ने यूपी में तालमेल की बात को परवान चढ़ाया. वैसे घुटने में चोट लगने से पहले राहुल भी फुटबाल खेला करते थे. सियासत के मैदान में भी दोनों नौजवान नेता मिलकर बीजेपी और बीएसपी की सियासी फील्ड में घुसकर दनादन गोल दागने की तैयारी करने लगे.

Advertisement
X
सियासत के सॉकर में अखिलेश का 'गोल'
सियासत के सॉकर में अखिलेश का 'गोल'

पहलवानी करने वाले मुलायम ने कई मौकों पर सियासी दिग्गजों को पटखनी दी है. चरण सिंह, वीपी सिंह, चंद्रशेखर, सोनिया गांधी, ममता बनर्जी सरीखे तीसरे मोर्चे के कई नेता उनके हाथों धोबीपछाड़ खा चुके हैं. कांग्रेस और राहुल भी 2009 लोकसभा चुनाव में मुलायम का जोर का झटका भूले नहीं होंगे.

सियासत का सॉकर
कुछ यूं ही मुलायम के बेटे अखिलेश यादव फुटबॉल खेलने के शौकीन रहे हैं. अपनी छवि को लेकर खास ख्याल रखते रहे हैं. शायद इसी पर यकीन करते हुए राहुल और प्रियंका की जोड़ी ने यूपी में तालमेल की बात को परवान चढ़ाया. वैसे घुटने में चोट लगने से पहले राहुल भी फुटबाल खेला करते थे. सियासत के मैदान में भी दोनों नौजवान नेता मिलकर बीजेपी और बीएसपी की सियासी फील्ड में घुसकर दनादन गोल दागने की तैयारी करने लगे.

Advertisement

राहुल को नहीं था जीत का भरोसा
यूं तो राहुल प्रचार के लिए अपनी टीम लेकर देवरिया से दिल्ली की यात्रा पर निकले थे. इस दौरान वो किसान कर्ज फॉर्म भरवा रहे थे और '27 साल, यूपी बेहाल' का नारा लगा रहे थे. शीला दीक्षित को सीएम उम्मीदवार बनाकर ब्राम्हण वोटों को वापस बुला रहे थे. लेकिन बीजेपी और बीएसपी की मजबूत टीम के आगे टिक नहीं पाने का एहसास उनको लगातार हो रहा था. तभी राहुल ने अखिलेश के नेतृत्व में अपनी टीम को बीजेपी और बसपा के सामने उतारने का मन बना लिया.

अखिलेश को सौंपी 'कप्तानी'
कांग्रेस को ये एलान करने में ज्यादा वक्त नहीं लगा कि इस सियासी मैच में अखिलेश फॉरवर्ड खेलेंगे और कांग्रेस उनको बैक करेगी. पार्टी ने अखिलेश यादव को अपनी घोषित कप्तान शीला दीक्षित से बेहतर बताते हुए खुद मैदान छोड़ दिया. जब सब कुछ मुख्यमंत्री की मर्जी के मुताबिक तय हो गया तो बात चुनावी मैदान में उतरने वाले खिलाड़ियों की सेलेक्शन पर अटक गई.

फुटबॉलर अखिलेश का दांव
अखिलेश अपनी टीम में राहुल की इच्छा के मुताबिक लोगों को एडजस्ट नहीं कर पा रहे थे. ऐसे में फुटबाल के शौकीन अखिलेश ने पिता की पहलवानी का सियासी दांव चल दिया. शुरुआती झटके ने तो राहुल को मानो चौंका ही दिया. अखिलेश ने मैच से ठीक पहले ही अपनी टीम का एलान किया. कई खिलाड़ी टीम राहुल के सियासी खिलाडियों की पोजीशन पर भी उतारे गए.

Advertisement

अखिलेश अब तक यूपी की जनता और मुस्लिम मतदाताओं को संदेश दे चुके थे कि यूपी में कांग्रेस उनके ही सहारे हैं. साथ ही ये भी कि वो मज़बूती से सियासी मैच में उतर रहे हैं तभी कांग्रेस उनकी टीम से मिलने को तैयार हुई. उन्होंने होशियारी से गेंद कांग्रेस के पाले में डाली. अब राहुल गांधी को ये फैसला करना है कि वो जिस अखिलेश को अपनी साझा टीम का कप्तान बना चुकी है, उन्हें ही टीम चुनने का अधिकार भी दे.

कुल मिलाकर अखिलेश ने साबित किया कि वो भले ही फुटबाल के जानकार हों, लेकिन मौका पड़ने पर पिता की पहलवानी के सियासी दांव का भी इस्तेमाल उनको आता है. वहीं फुटबाल के ही जानकार राहुल गांधी अगर अब साझा टीम नहीं बना पाए तो उन पर सेल्फ गोल करने का इलजाम लगेगा. पिता से जबरन कप्तानी लेने वाले अखिलेश अगर अकेले यूपी के सियासी मैच में उतरे और हार गए तो दोहरे इल्जाम का सामना करेंगे. एक तो पिता की ना सुनने का और दूसरा राहुल से दगाबाजी का. अब बस मैच शुरु ही होने वाला है. देखना है कि टीम अखिलेश और टीम कांग्रेस यूपी में साझा टीम उतारते हैं या नहीं.

Advertisement
Advertisement