scorecardresearch
 

UP Election: क्या UP चुनाव में 'मास्टरस्ट्रोक' साबित होगा OPS बहाली का वादा ?

उत्तर प्रदेश चुनाव में बचे चार चरणों के चुनाव में OPS का मसला जोरशोर से उठाया जा रहा है. कर्मचारी संगठन OPS को बहाल करने की मांग कर रहे हैं. सपा ने अपने मेनिफेस्टो में OPS बहाली को शामिल कर लिया है.

Advertisement
X
कर्मचारी संगठन ISupportOPS मुहिम चला रहे हैं
कर्मचारी संगठन ISupportOPS मुहिम चला रहे हैं
स्टोरी हाइलाइट्स
  • OPS का मुद्दा बना सबसे बड़ा सियासी वादा
  • सपा ने OPS बहाली का किया है वादा

उत्तर प्रदेश में तीन चरणों का चुनाव बाकी है और पुरानी पेंशन स्कीम (OPS) को लेकर कर्मचारी संगठनों की मुहिम तेज होती जा रही है. कर्मचारी संगठन कई सालों से OPS बहाल करने की मांग कर रहे थे, लेकिन राजस्व की कमी और सरकारों की उपेक्षा ने इस मांग को ठंडे बस्ते में डाल दिया था. यूपी चुनाव के बीच यह मांग अब सियासी मुद्दा बन गई है.

चौथे चरण के लिए वोटिंग हो रही है, सीतापुर जिले के महमूदाबाद सीट से समाजवादी पार्टी (सपा) विधायक नरेंद्र वर्मा ने हाल ही में OPS के समर्थन में अपना पेंशन छोड़ दिया था. सपा विधायक और पूर्व मंत्री नरेंद्र वर्मा ने कहा था कि अगर प्रदेश के कर्मचारियों को पुरानी पेंशन नहीं मिलेगी तो हम अपनी पेंशन कैसे ले सकते हैं.

OPS के समर्थन में सपा विधायक ने छोड़ दी थी पेंशन

नरेंद्र वर्मा के ऐलान के बाद समाजवादी पार्टी (सपा) ने इस मुद्दे को चुनाव में भुनाने का प्लान बना लिया था और ऐन वक्त पर सपा ने OPS बहाल करने का वादा कर दिया. अब सपा ने सरकारी कर्मचारियों के बीच अपनी मुहिम तेज कर दी है. इसकी अगुवाई खुद सपा के वरिष्ठ नेता उदय प्रताप सिंह कर रहे हैं. उनका साथ कई सामाजिक एक्टिविस्ट भी दे रहे हैं.

Advertisement

सपा ने OPS को लेकर शुरू किया मुहिम

सपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व सांसद उदय प्रताप सिंह ने कहा कि OPS की मांग पार्टी और जनता के बीच अहम कड़ी साबित हो रही है, हमने मजदूर संवाद यात्रा निकाली थी, जिसमें कर्मचारियों के सुझाव पर OPS को बहाल करने पर काम किया गया, हमारे पास OPS को बहाल करने का पूरा प्लान है.

सपा के पूर्व सांसद उदय प्रताप सिंह का कहना है, 'OPS सपा के लिए तुरुप का पत्ता साबित हो रहा है क्योंकि आखिरी चार चरणों में सबसे ज्यादा कर्मचारियों की संख्या है, एक तो ये मध्यवर्गीय वर्ग हैं और दूसरा यह भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) का परंपरागत वोटर माना जाता है, OPS बहाली के वादे ने सबको सपा के पाले में ला दिया है.'

सपा विधायक बोले- OPS से अंडर करंट बन रहा है

OPS को सपा के मेनिफेस्टो में शामिल कराने में अहम भूमिका विधायक शशांक यादव की भी है. उनका कहना है कि पूरे प्रदेश में एक अंडर करंट बनता जा रहा है, जो बीजेपी सरकार को हटाकर दम लेगा. सपा के नेताओं के अलावा सामाजिक कार्यकर्ता भी OPS की मुहिम चला रहे हैं. एक्टिविस्ट दीपक कबीर की अगुवाई में कर्मचारियों तक बात पहुंचाई जा रही है.

Advertisement

कर्मचारियों ने पहले माना शगूफा, फिर होने लगी चर्चा

OPS बहाली के सपा के वादे पर कर्मचारियों का कहना है, 'पहले हमने इसे चुनावी स्टंट माना था, लेकिन पश्चिम बंगाल में OPS लागू होने और वहां की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से लखनऊ में कर्मचारी संगठनों की मुलाकात के बाद इस वादे में दम दिखने लगा, इस वजह से हर दफ्तर और हर जिले में इसकी चर्चा शुरू हो गई है.'

कर्मचारियों की I Support OPS मुहिम शुरू

चिकित्सा स्वास्थ्य महासंघ के प्रधान महासचिव अशोक कुमार ने कहा, 'OPS के ऐलान के बाद से ही सभी शिक्षक-कर्मचारी संगठन उत्साहित हैं और I Support OPS के बैज-स्टिकर लगाकर कार्यालयों से घरों तक संपर्क कर रहे हैं, कर्मचारियों के लिए अभी या कभी नहीं की स्थिति है, सभी लोग सोच समझकर वोट करें.'

अशोक कुमार ने कहा, 'हमारा महंगाई भत्ता जनवरी 2020 से जुलाई 2021 तक रोका गया, 22 अगस्त 2019 से परिवार कल्याण भत्ता रोका गया. 1 अप्रैल 2020 से नगर प्रतिकर भत्ता रोका गया, इसके अतिरिक्त कई और भत्ते रोके गए, चिकित्सा स्वास्थ्य विभाग में प्रोत्साहन धनराशि केवल 3 महीने के लिए मिलना था, लेकिन नहीं मिला.'

अटेवा के प्रदेश अध्यक्ष विजय कुमार बंधु ने कहा, 'सपा विधायक नरेंद्र वर्मा ने अपनी पेंशन छोड़कर एक ऐतिहासिक कदम उठाया है, अटेवा NMOPS इसकी सराहना करता है और नई सरकार जो आएगी वो पुरानी पेंशन बहाली के ऐतिहासिक निर्णय लेगी, जो पूरे देश के लिए नजीर होगी. देश भर के शिक्षक कर्मचारी उत्तर प्रदेश चुनाव को लेकर आशान्वित हैं.'

Advertisement

 

Advertisement
Advertisement