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Nizamabad Assembly Seat: सपा के आलम बदी हैं विधायक, लहर में भी तीसरे स्थान पर रही थी बीजेपी

निजामाबाद विधानसभा सीट आजमगढ़ जिले में पड़ती है. इस विधानसभा सीट से समाजवादी पार्टी के आलम बदी लगातार तीसरी दफे विधायक हैं.

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यूपी Assembly Election 2022 निजामाबाद विधानसभा सीट
यूपी Assembly Election 2022 निजामाबाद विधानसभा सीट
स्टोरी हाइलाइट्स
  • मुस्लिम बाहुल्य सीट है आजमगढ़ की निजामाबाद विधानसभा
  • बसपा के अंगद यादव भी दो बार रहे हैं निजामाबाद से विधायक

उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जिले की एक विधानसभा सीट है निजामाबाद विधानसभा सीट, जिसका सीट क्रमांक 348 है. निजामाबाद विधानसभा आजमगढ़ जिला मुख्यालय से उत्तर पश्चिम में स्थित है. निजामाबाद विधानसभा क्षेत्र अपने धार्मिक स्थलों के लिए प्रसिद्ध है जहां मां शीतला धाम, ऐतिहासिक गुरुद्वारा, अवंतिका पुरी हैं तो इसकी पहचान दत्तात्रेय ऋषि के नाम से भी है. आजमगढ़ जिला मुख्यालय से निजामाबाद की दूरी 14 किलोमीटर है.

निजामाबाद, रानी की सराय ब्लॉक के तहत आता है. ऐसा कहा जाता है कि इस इलाके को निजाम शाह ने बसाया था और इसीलिए इस इलाके का नाम निजामाबाद पड़ा. निजामाबाद की पहचान यहां के धार्मिक स्थलों के साथ-साथ ब्लैक पॉटरी यानी काली मिट्टी के बर्तनों को लेकर भी है. यहां के काली मिट्टी के बर्तन देश-विदेश में अपनी ख्याति दर्शा चुके हैं. उत्तर प्रदेश सरकार ने वन डिस्टिक वन प्रोडक्ट के तहत भी काली मिट्टी के बर्तनों को 2015 में भौगोलिक संकेत टैग के लिए पंजीकृत किया.

राजनीतिक पृष्ठभूमि

निजामाबाद विधानसभा सीट की राजनीतिक पृष्ठभूमि की बात करें तो यहां समय-समय पर अलग-अलग राजनीतिक पार्टियों का दबदबा रहा. यहां समाजवादी पार्टी (सपा) और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के उम्मीदवारों का दबदबा रहा है. सपा के आलम बदी लगातार तीन बार से विधायक हैं तो बसपा के अंगद यादव दो बार विधायक रहे.

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2017 का जनादेश

निजामाबाद विधानसभा से 2017 के चुनाव में सपा ने अपने निवर्तमान विधायक आलम बदी को चुनाव मैदान में उतारा. सपा के आलम बदी के सामने बसपा से पूर्व मंत्री चंद्रदेव राम यादव और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) से विनोद कुमार राय मैदान में थे. सपा के आलम बदी ने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी बसपा के चंद्रदेव को 18529 वोट के अंतर से हरा दिया था. बीजेपी के विनोद तीसरे स्थान पर रहे थे.

सामाजिक ताना-बाना

निजामाबाद विधानसभा सीट के सामाजिक ताना-बना की बात करें तो ये मुस्लिम बाहुल्य सीट है. अनुमानों के मुताबिक यहां आधे से अधिक आबादी मुस्लिम वर्ग की है. यादव और अन्य पिछड़ा वर्ग के मतदाताओं की तादाद भी इस विधानसभा क्षेत्र में अच्छी खासी है. निजामाबाद विधानसभा क्षेत्र में तीन लाख से अधिक मतदाता हैं.

विधायक का रिपोर्ट कार्ड

निजामाबाद विधानसभा सीट से विधायक सपा के आलम बदी की पहचान मुस्लिम लीग के नेता के रूप में रही और सपा से संबद्ध होने के कारण ये इसी पार्टी से चुनाव लड़ते रहे. आलम बदी का जन्म 16 मार्च 1936 को आजमगढ़ जिले के विन्दवल गांव में हुआ था. पेशे से इंजीनियर आलम बदी की पत्नी का नाम कुदसिया खान है. इनके 6 पुत्र और एक पुत्री है. आलम बदी की छवि ईमानदार नेता की है. स्थानीय स्तर पर चर्चा ये भी है कि इस सीट से सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव खुद चुनाव मैदान में उतर सकते हैं.

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