तेलंगाना में चुनाव प्रचार के दौरान कांग्रेस नेता और कर्नाटक के मंत्री बी. जेड. जमीर अहमद खान ने ऐसा बयान दिया, जिसके बाद वह विवादों में घिर गए. हालांकि इस बयान के बाद उनकी सफाई भी आ गई है. उन्होंने कहा कि मैंने सिर्फ कांग्रेस सरकार द्वारा मुस्लिम समुदाय को दिए गए सम्मान का जिक्र किया है. किसी के बारे में असम्मानजनक बात नहीं कही.
जमीर अहमद खान ने तेलंगाना में कहा था कि कांग्रेस ने एक मुस्लिम यू टी खादर को विधानसभा अध्यक्ष बनाया है, जिनके सामने अच्छे से अच्छे भाजपा नेता सलाम करते हैं. कर्नाटक सरकार में आवास, वक्फ और अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री ने कहा था कि कर्नाटक के इतिहास में कभी कोई मुस्लिम विधानसभा अध्यक्ष नहीं बना, लेकिन कांग्रेस ने इस बार समुदाय के एक व्यक्ति को वह सम्मान दिया है.
जमीर अहमद ने कहा था कि कर्नाटक के इतिहास में कोई भी मुस्लिम समुदाय से विधानसभा अध्यक्ष नहीं बना. कांग्रेस पार्टी ने यू टी खादर को विधानसभा अध्यक्ष बनाया. आज भाजपा के सबसे अच्छे नेता खादर के सामने खड़े होकर 'साहब नमस्कार' कह रहे हैं. मंत्री ने कहा कि मई में हुए 17 विधानसभा चुनावों में 9 मुस्लिम कर्नाटक विधानसभा के लिए चुने गए, जिन्हें टिकट दिया गया. उन्होंने कहा इन 9 नेताओं में से 5 को पद दिए गए.
विवादित बयान के बाद सफाई पेश करते हुए जमीर अहमद ने कहा कि तेलंगाना विधानसभा चुनाव के स्टार प्रचारक के तौर पर हैदराबाद में आयोजित बातचीत में मैंने पार्टी के किसी भी व्यक्ति या विधायक के बारे में असम्मानजनक बात नहीं कही. मैंने सिर्फ कांग्रेस सरकार द्वारा मुस्लिम समुदाय को दिए गए सम्मान का जिक्र किया है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने कर्नाटक में मुस्लिम समुदाय को सबसे ज्यादा सम्मान दिया है. राज्य के इतिहास में पहली बार विधानसभा अध्यक्ष की नियुक्ति हुई है. विधानसभा में कांग्रेस, बीजेपी, जेडीएस समेत हम सभी उन्हें माननीय अध्यक्ष कहते हैं. मैंने कहा कि मुझे इतने ऊंचे पद पर पहुंचने का अवसर दिया गया है.
जमीर अहमद खान ने यह भी कहा कि कर्नाटक बीजेपी के अध्यक्ष बी वाई विजयेंद्र ने उनके बयान को गलत तरीके से पेश किया है. वह विवाद खड़ा करने की कोशिश कर रहे हैं. उनके ऑफिस ने भी एक बयान में जारी कर कहा कि तेलंगाना विधानसभा चुनाव में स्टार प्रचारक होने के नाते जमीर अहमद खान ने किसी भी व्यक्ति या पार्टी विधायकों के खिलाफ अपमानजनक तरीके से बात नहीं की है. दरअसल, कांग्रेस नेता के इस बयान के बाद उन्हें तीखी आलोचना का सामना करना पड़ा था.