अपने खुलासों से कई बार अंतरराष्ट्रीय राजनीति में तहलका मचा चुकी अमेरिकी वेबसाइट 'विकिलीक्स' ने यह साफ किया है कि उसके केबल्स में किसी अमेरिकी
डिप्लोमेट ने कभी भी बीजेपी के पीएम उम्मीदवार नरेंद्र मोदी को 'ईमानदार' नहीं कहा.
सोमवार सुबह विकिलीक्स ने ट्वीट करके चुनाव से पहले भारत में संभवत: एक नए राजनीतिक तूफान को जन्म दे दिया. विकिलीक्स ने ट्विटर पर लिखा कि उसके केबल्स में किसी अमेरिकी डिप्लोमेट ने मोदी को कभी 'भ्रष्ट न होने वाला' और 'इकलौता ईमानदार भारतीय राजनेता' नहीं कहा. इतना ही नहीं, विकिलीक्स ने यह भी साफ किया कि उसके संस्थापक जूलियन असांज ने कभी भी मोदी के बारे में कुछ नहीं कहा और इस बारे में मोदी समर्थकों और बीजेपी ने झूठा प्रचार किया है.
#India: No WikiLeaks
document say #Modi is 'incorruptable', rather he is popular
because 'viewed' as 'incorruptable' https://t.co/leCkQ8PNSK
— WikiLeaks
(@wikileaks) March 16, 2014
2006 में मुंबई के अमेरिकी काउंसलर जनरल माइकल एस ओवेन ने 2006 में ये केबल भेजे थे. विकीलीक्स ने खुलासा किया कि ओवेन के मुताबिक मोदी के बारे में यह बात राजकोट के कांग्रेस नेता मनोहर सिंह जडेजा ने कही थी.
The Narenda #Modi
"incorruptable" quote comes from Rajkot Congress party leader Manoharsinh Jadej: https://t.co/leCkQ8PNSK #bjp #india
— WikiLeaks (@wikileaks) March 16, 2014

गौरतलब है कि बीजेपी और नरेंद्र मोदी की ओर से दावा किया गया था कि विकिलीक्स ने गुजरात के मुख्यमंत्री को ईमानदार बताया है. विकिलीक्स ने ट्वीट करके कहा है कि मोदी की बीजेपी इस बारे में झूठा प्रचार कर रही है कि विकिलीक्स के संस्थापक जूलियन असांज ने मोदी का समर्थन किया है.
नरेंद्र मोदी की वेबसाइट पर भी यह दावा किया गया था कि विकिलीक्स ने मोदी की तारीफ की गई है. (देखें, मोदी की वेबसाइट पर फर्जी दावा )
#India: How #Modi supporters aggressively pushed fake #Assange endorsement (scroll down to last week and beyond) https://t.co/VtS2vWyEGf
— WikiLeaks (@wikileaks) March 16, 2014
यह सफाई उस केबल के बारे में दी गई है जिसमें माइकल एस ओवेन की 2006 में मोदी से मुलाकात का जिक्र है. इस मुलाकात से जुड़े केबल्स विकिलीक्स ने 2011 में जारी किए थे. इस केबल में ओवन ने गुजरात के विकास और गोधरा हादसे के बाद हुए मानवाधिकार हनन के मुद्दे पर नरेंद्र मोदी से हुई अपनी बातचीत का जिक्र किया था.
Narenda Modi's #BJP
has been pushing this fake #Modi endorsement http://t.co/kyryXQpmht - but #Assange
has never said anything about #Modi
— WikiLeaks (@wikileaks)
March 16, 2014
केबल में लिखा है , 'मोदी ने बेहतर सड़कें, बिजली, पानी की उपलब्धता, डायरेक्ट इनवेस्टमेंट को बढ़ावा देने और आर्थिक तरक्की के स्तर पर अपनी उपलब्धियों के बारे में बताया. कांउसल जनरल ने पाया कि कई क्षेत्रों में तरक्की हुई है. पर उन्होंने सांप्रदायिक रिश्तों और 2002 की हिंसा के लिए जवाबदेह अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई के बारे में पूछा. मोदी प्रकट तौर पर नाराज नजर आए. उन्होंने तीखा डिफेंस पेश किया जिसमें शामिल था यूएसजी में हस्तक्षेप और अबू गरीब में अमेरिकी मानवाधिकार पर हमले का जिक्र और यह दावा कि गुजरात में मुसलमान किसी भी राज्य की तुलना में बेहतर हैं.'
2011 में केबल रिलीज होने के समय नरेंद्र मोदी बीजेपी में पीएम पद की रेस में सबसे आगे थे. केबल में खुद को 'भ्रष्ट न किया जा सकने वाला' कहे जाने पर मोदी ने खुशी जताई थी. उन्होंने अपनी वेबसाइट पर भी इस संबंध में बयान जारी किया था, जिसका शीर्षक था, 'मैं खुश हूं कि अमेरिका ने माना कि मोदी ईमानदार हैं.'
मोदी की वेबसाइट पर किया गया 'झूठा' दावा?
बीजेपी ने भी मौके का फायदा उठाते हुए दावा किया था कि विकिलीक्स के केबल में ईमानदार घोषित किए जाने वाले मोदी इकलौते नेता हैं. बीजेपी ने यह भी कहा था कि लगता है कि अमेरिका मोदी पर अपनी वीजा नीति पर दोबारा विचार कर रहा है.
2002 के गुजरात दंगों में नाम आने के बाद 2005 में अमेरिका ने मोदी को वीजा देने से मना कर दिया था. हालांकि जब सुप्रीम कोर्ट की बनाई एसआईटी ने मोदी को क्लीनचिट दे दी तो अमेरिकी राजदूत नैन्सी पावेल ने अहमदाबाद में मोदी से मुलाकात की थी.