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लड़ाई विचारधारा की है, वरुण ने मेरे परिवार के साथ विश्वासघात कियाः प्रियंका गांधी

प्रियंका गांधी ने एक बार फिर अपने चचेरे भाई वरुण गांधी पर जोरदार हमला बोला है. उन्होंने वरुण गांधी पर विश्वासघात करने का आरोप लगाया है. प्रियंका ने कहा, 'यह घर की चाय पार्टी नहीं है. विचारधारा की लड़ाई है. वो हमारी विरोधी विचारधारा के साथ खड़े हैं तो जाहिर है कि हम सवाल उठाएंगे ही.'

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प्रियंका गांधी
प्रियंका गांधी

प्रियंका गांधी ने एक बार फिर अपने चचेरे भाई वरुण गांधी पर जोरदार हमला बोला है. उन्होंने वरुण गांधी पर विश्वासघात करने का आरोप लगाया है. प्रियंका ने कहा, 'यह घर की चाय पार्टी नहीं है. विचारधारा की लड़ाई है. वो हमारी विरोधी विचारधारा के साथ खड़े हैं तो जाहिर है कि हम सवाल उठाएंगे ही.'

प्रियंका गांधी ने कहा, 'कोई कितना भी करीबी क्यों न हो. अगर वह विचारधारा के उस तरफ होंगे, तो हमारा विरोध रहेगा, यही मेरा यकीन है. मैं ये बार-बार कह रही हूं कि उन्होंने पिछले चुनाव में कुछ विचार रखे थे, जिनमें मैं बिल्कुल यकीन नहीं करती. ये परिवार के साथ धोखा है. मेरे पिता इस देश की एकता के लिए मर गए. मैं उसका अपमान नहीं कर सकती. बात भाई की नहीं विचार की है. मेरा अपना बेटा भी ऐसा करेगा तो मैं विरोध करूंगी.'

इससे पहले, अमेठी में प्रियंका ने वरुण गांधी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था. प्रियंका ने सुल्तानपुर की जनता से अपील करते हुए कहा था कि बीजेपी के टिकट पर लड़ रहे वरुण गांधी को सही रास्ते पर लाने के लिए हरा दें. अमेठी में कार्यकर्ताओं से बात करते हुए उन्होंने कहा था, 'हमारी रगों में खून और नफरत नहीं दौड़ती, प्रेम और एकता दौड़ती है. अगर गलत रास्ते पर कोई चल रहा है तो राजनीति में कभी-कभी जनता का विवेक सही रास्ता दिखा देता है.'

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इस बीच बेटे पर राजनीतिक हमला बोला गया तो मां फिर से सामने आ गईं. मेनका ने प्रियंका को उल्टे समझाया कि देश भक्ति और देशप्रेम क्या होता है, इसके लिए सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं. उन्होंने कहा, 'देशसेवा करना भटकना है तो कौन रास्ता भटक गया है यह देश बता देगा.'

प्रियंका गांधी के हमले का जवाब वरुण गांधी ने बहुत ही संयमित तरीके से दिया पर इशारों ही इशारों में कमजोर न आंकने की नसीहत भी दे दी. उन्होंने कहा, 'मर्यादित राजनीति करें, दूसरों के सम्मान को अपना सम्मान समझें. किसी को क्षति न पहुंचाएं. कभी शालीनता की लक्ष्मण रेखा नहीं तोड़ी है. चाहे अपने परिवार के लोग हों, चाहे दूसरे दल के वरिष्ठ नेता क्यों न हों. हम लोग लक्ष्मण रेखा न पार करें. इन दिनों कुछ बातें सुनने में आई हैं. केवल इतना कहना चाहता हूं कि हमारी शराफत और उदारता को कोई कमजोरी न समझे.'

जुबानी जंग की वजह
अमेठी-रायबरेली और सुल्तानपुर सीट से नेहरू गांधी परिवार का बहुत पुराना नाता है. ये भी इत्तेफाक है कि इस बार इन तीनों सीट पर इसी परिवार के एक-एक दावेदार जमे हुए हैं. रायबरेली सीट पर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी लड़ रही हैं तो अमेठी सीट पर राहुल गांधी जबकि सुल्तानपुर सीट पर बीजेपी के महासचिव वरुण गांधी. पिछली बार सुल्तानपुर सीट से कांग्रेस के संजय सिंह जीते थे. लेकिन तब संजय सिंह का प्रचार करने न सोनिया गईं, न राहुल और न प्रियंका. दूसरी तरफ राहुल गांधी के पर्चा दाखिले में भी संजय सिंह पहले कभी नहीं जाते थे. पार्टी एक थी लेकिन रिश्तों में एक अलग किस्म की खटास रही लेकिन इस बार सुल्तानपुर में वरुण ने चुनाव लड़कर इनके रिश्ते को बदल दिया. राहुल के पर्चा दाखिले में संजय सिंह को बुलाया गया तो सुल्तानपुर में संजय सिंह की पत्नी के लिए प्रियंका वोट मांगने पहुंची, वो भी अपने ही भाई के खिलाफ. दरअसल, गांधी परिवार को अमेठी में संजय सिंह के मदद की जरूरत पड़ेगी. ऐसे में बयानबाजी के ही जरिए संजय सिंह को आश्वस्त करने की कोशिश की जा रही है.

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