प्रत्याशियों को लेकर बीजेपी में घमासान रुकने का नाम नहीं ले रहा है. कार्यकर्ताओं के बागी तेवर मुखर हो रहे हैं. प्रत्याशी चयन के फैसले के खिलाफ देवरिया, फैजाबाद से लेकर उत्तर प्रदेश के कई जिलों में कार्यकर्ता और नेता ही बगावत का झंडा उठाए हुए हैं.
कई स्थानों पर बगावत को हवा देने वाले खुद टिकट के दावेदार बताए जा रहे हैं. देवरिया में कलराज मिश्र के खिलाफ मुखर विरोध टिकट की घोषणा के बाद जारी है. फतेहपुर में भी बीजेपी के भीतर साध्वी निरंजन ज्योति को लेकर विद्रोह हो गया है. मंगलवार को पार्टी का झंडा-बैनर लिए लोगों ने पार्टी नेताओं और साध्वी निरंजन ज्योति का पुतला फूंका.
लल्लू सिंह अयोध्या के ही हैं, फिर भी उनकी उम्मीदवारी का विरोध हो रहा है क्योंकि यह पिछले कई चुनाव लगातार हारते रहे हैं. कांग्रेस छोड़ बीजेपी में शामिल हुए जगदंबिका पाल पार्टी के लिए मुसीबत बन गए हैं. इसका स्थानीय स्तर पर पार्टी के भीतर ही विरोध मुखर हो गया है. पार्टी कार्यकर्ताओं ने मंगलवार को यहां पार्टी मुख्यालय पर जगदंबिका के विरोध में नारे लगाए और उम्मीदवार बनाने पर नतीजे भुगतने की चेतावनी दी.
रायबरेली से फिलहाल उम्मीदवार की घोषणा नहीं हुई है, पर कार्यकर्ताओं ने यहां से अजय अग्रवाल को टिकट दिलाने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया. जौनपुर में शुरू हुआ विरोध मंगलवार को भी मुखर रहा. कार्यकर्ताओं ने यहां के प्रत्याशी केपी सिंह का पुतला फूंका. लखनऊ के पड़ोस की सीट उन्नाव में घोषित उम्मीदवार साक्षी महाराज को लेकर विरोध थमने का नाम नहीं ले रहा है. यहां कार्यकर्ताओं का आरोप है कि पार्टी की पीठ में छुरा भोंकने वालों को उन्नाव की धरती बर्दाश्त नहीं करेगी.
गाजियाबाद में भी पूर्व सेना प्रमुख जनरल वीके सिंह के नाम का जबरदस्त विरोध हो रहा है. विरोध करने वालों का कहना है कि वीके सिंह को बाहर से लाकर उन पर थोपा जा रहा है और वह स्थानीय प्रत्याशी चाहते हैं.