भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी ने आज कहा कि लोकसभा चुनाव की मुहिम परवान चढ़ने से पहले ही कांग्रेस, तीसरे मोर्चे तथा अन्य दलों ने हार माननी शुरू कर दी है. इसलिए स्थिर सरकार ना बने, इसकी माला फेरने में लगे हैं.
मोदी ने यहां एक चुनावी रैली में कहा कि चुनाव आते ही कांग्रेस को गरीबों की याद आने लगती है. वह 'गरीब-गरीब' की माला फेरने में जुट जाती है, लेकिन सोने का चम्मच लेकर पैदा होने वाले लोग गरीबों का दर्द क्या समझेंगे. कांग्रेस, तीसरा मोर्चा और अन्य दल अपनी पराजय स्वीकार कर चुके हैं, इसलिए स्थिर सरकार न बनने देने के लिए सभी 'फंडे' अपनाए जा रहे हैं.
बीजेपी नेता ने आरोप लगाया कि केंद्र की कांग्रेसनीत सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर भी गोदामों में बेकार पड़ा गेहूं गरीबों में नहीं बांटा बल्कि उस गेहूं को 80-90 पैसे प्रति किलोग्राम की दर से शराब माफिया को बेच दिया गया. उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने बरेली को भुला दिया, रायबरेली को याद रखा. पिछले पांच सालों में इस क्षेत्र को क्या मिला, सभी जानते हैं.
मोदी ने कहा कि अब बरेली में झुमका नहीं 'सबका' गिरेगा. 'स' मतलब सपा, 'ब' मतलब बसपा और 'का' मतलब कांग्रेस है. 'सबका' सफाया जरूरी है. इनकी विदाई सभी मिलकर करें. मोदी ने बरेली की नब्ज पर हाथ रखने की कोशिश करते हुए कहा कि इस शहर में पतंग उड़ाने में इस्तेमाल होने वाले मांझा के करीब 10 हजार कारीगर बदहाल हैं. गुजरात में बरेली का मांझा इस्तेमाल होता है. बरेली के मांझा के बगैर गुजरात की पतंग अधूरी है.
गुजरात के मुख्यमंत्री ने कहा कि गुजरात में उनके कार्यभार संभालने के वक्त पतंग का कारोबार 35 करोड़ रुपये का था. अब वह 500 करोड़ रुपए तक पहुंच गया है.