चुनाव आयोग के अधिकारियों की लापरवाई के कारण मुंबई के मालाद, चारकोप और चांदीवली में रविवार को दोबारा वोटिंग हुई. जिससे एक तरफ लोग काफी नाराज दिखे तो दूसरी तरफ नेता चिंता में नजर आए. 24 अप्रैल को वोटिंग कर कई लोग छुट्टी मनाने मुंबई से बाहर चले गए थे, इसीलिए दोबारा वोटिंग के लिए लोगों को वापस बुलाना नेताओं के लिए काफी मुश्किल से भरा रहा.
रविवार को हुई दोबारा वोटिंग में चारपोक के बूथ नंबर 243 में 58.51 प्रतिशत, मलाड के बूथ नंबर 242 में 35.41 फीसदी और चांदीवली के बूथ नंबर 160 में 55.93 फीसदी वोट पड़े.
हर चुनाव में सुस्त दिखने वाली मुंबई ने इस बार पिछले चुनाव के मुकाबले काफी अच्छी वोटिंग की. मुंबई में करीबन 54 प्रतिशत वोटिंग हुई. लेकिन चुनाव आयोग के अधिकारियों की गलती की वजह से उत्तर मुंबई और उत्तर-मध्य मुंबई के 3 पोलिंग बूथों पर रविवार को दोबारा वोटिंग करनी पडी.
दरअसल मुंबई के मालाद, चांदीवली और चारकोप में चुनाव अधिकारी 24 अप्रैल को हुए मतदान में मॉक वोट्स डिलीट करना भूल गए. जिस वजह से जितने वोटर थे उनसे ज्यादा वोट्स मशीन में दिख रहे थे. मॉक वोट वे वोट होते हैं जो चुनाव अधिकारी पार्टी के कार्यकर्ताओं को EVM मशीन अच्छे से चल रहा है इसका प्रक्टिकल दिखाने के लिए सभी पार्टियों के चुनाव चिन्ह के सामने का बटन दबा कर दिखाते हैं. और वोटिंग शुरू होने से पहले ये वोट्स डीलीट कर देते हैं. लेकिन इन जगहों पर चुनाव आयोग के अधिकारी ये वोट्स डीलीट करना ही भूल गए.
अधिकारियों की इस लापरवाई से इन जगहों पर दोबारा वोटिंग की नोबत आ गयी. इस निर्वाचन क्षेत्र के लोगों की तकलीफ तो बड़ी ही, लेकिन सबसे ज्यादा चिंता में दिखे यहां के नेता. क्योंकि पहली बार वोट कर घूमने मुंबई से बाहर निकल गए लोग दोबारा वोटिंग के लिए नहीं आ पाए.
इस निर्वाचन क्षेत्र के उम्मीदवारों में चुनाव आयोग के खिलाफ नाराजगी साफ तौर पर दिख रही है. पहले ही लाखों लोगों के नाम वोटिंग लिस्ट में ना होने के कारण चुनाव आयोग ने माफी मांगी है और अब इस गलती की वजह से आयोग को लोगों के गुस्से का भी सामना करना पड़ रहा है.