कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के खिलाफ आपत्तिजनक बयान देने वाले योग गुरु रामदेव के खिलाफ लखनऊ में एफआईआर दर्ज कर ली गई है. रामदेव ने शुक्रवार को कहा था कि राहुल गांधी दलितों की बस्ती में हनीमून मनाने जाते हैं. पुलिस ने शनिवार को रामदेव के इस बयान पर खुद संज्ञान लेते हुए उनके खिलाफ केस दर्ज किया.
इस बीच एफआईआर दर्ज होने के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रामदेव ने कहा कि अगर उनके बयान से किसी को दुख हुआ ह, तो वो खेद प्रकट करते है. रामदेव ने एक तस्वीर दिखाते हुए कहा कि मैं दलित महिलाओं के चरण छूकर सम्मेलन करता हूं. मेरा उद्देश्य किसी का अपमान करना नहीं था.
इससे पहले कांग्रेस की ओर से कृष्णा तीरथ, कुमारी शैलजा और शोभा ओझा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रामदेव के खिलाफ हमला बोला. कुमारी शैलजा ने कहा कि रामदेव का बयान निंदनीय है. इससे दलित महिलाओं के प्रति उनका नजरिया पता चलता है. हमारे नेता की छवि खराब हुई है.
उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि क्या दलित महिलाएं उपभोग की ही वस्तु हैं जिसके बारे में रामदेव ने टिप्पणी की ह? मोदी और बीजेपी स्पष्ट करें कि वो रामदेव के साथ है या नहीं. समय आ गया है कि मोदी इस पर अपना मत स्पष्ट करें कि वो रामदेव के बयान का समर्थन करते हैं या नहीं. मोदी और रामदेव को दलितों से माफी मांगनी चाहिए.
तीरथ ने कहा कि ये रामदेव की दलित विरोधी मानसिकता है. उन्होंने कहा कि रामदेव बीजेपी और मोदी के प्रवक्ता हैं. तीरथ ने कहा कि दलित भीख नहीं, अधिकार मांगते हैं. उन्होंने कहा कि गरीबों और दलितों की दशा देखने और जानने की कोशिश करना हनीमून नहीं है.
शोभा ओझा ने कहा कि रामदेव मोदी की चांडाल चौकड़ी में से एक है. एफआईआर दर्ज कर रामदेव को एससी एक्ट में गिरफ्तार किया जाए. उन्होंने कहा कि मोदी खुद ना बोलकर किसी और से बुलवा रहे हैं. दलित महिलाएं जवाब चाहती हैं कि महिलाओं का सम्मान ऐसे ही होगा. जशोदा बेन, रामदेव का बयान और स्नूपिंग केस इसके उदाहरण हैं.
कांग्रेस के हमलों का जवाब देने के लिए बीजेपी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रामदेव का बचाव किया. शाहनवाज हुसैन ने कहा कि रामदेव संत आदमी हैं. उन्होंने अंग्रेजी के शब्द का इस्तेमाल किया. जिसका गलत अर्थ निकाला गया है. बीजेपी प्रवक्ता का कहना था कि कांग्रेस मोदी के खिलाफ अनाप शनाप बोलती रहती है. ऐसे बयान वे लोग देते रहते है. कांग्रेस को चुपचाप अपनी हार स्वीकार कर लेनी चाहिए.