बीजेपी के पीएम उम्मीदवार नरेंद्र मोदी आज फिर 'मिशन बिहार' पर हैं. मोदी बिहार के पूर्णिया में रैली के दौरान हुंकार भरने जा रहे हैं.
बिहार में बीजेपी को रामविलास पासवान के रूप में नए साथी मिल गए, तो पार्टी की उम्मीदें भी बढ़ गई. अब मोदी ने भी चुनाव से पहले पूरा जोर लगा दिया है.
बिहार में मोदी की पहली रैली पटना में हुई थी. पटना रैली में धमाकों के बाद लंबे समय के लिए मोदी का 'बिहार अभियान' रुक गया था. लेकिन मुजफ्फरपुर में हुंकार के साथ मोदी ने न सिर्फ नए साथियों के साथ 'मिशन बिहार' का दूसरा चरण शुरू किया, बल्कि अब इसे तेज भी कर दिया है.
सोमवार दोपहर 1 बजे मोदी पूर्णिया में रैली कर न सिर्फ पूर्वी बिहार के बड़े हिस्से में कमल की जोत जगाएंगे, बल्कि बिहार सीमा से सटे पश्चिम बंगाल के भी वोटरों को रिझाएंगे.
देश में मोदी की आंधी चली है, तो उनका कुनबा भी बढ़ता जा रहा है. एमएनएस प्रमुख राज ठाकरे भी मोदी के मुरीदों में शामिल हो गए हैं.
जहां तक बीजेपी के भीतर मोदी की सीट को लेकर मतभेद की बात है, तो पार्टी उसे नकार रही है. सफाई दी जा रही है कि मोदी के वाराणसी से लड़ने को लेकर कोई भी पार्टी नेतृत्व से नाराज नहीं है.
मीडिया के सामने लीपापोती से शायद बीजेपी के अंदरूनी झगड़े पर पर्दा पड़ जाए, लेकिन सवाल यह भी है कि उन झगड़ों का क्या, जिसकी अभी दस्तक पड़ने वाली है? राज ठाकरे के 'नमो राग' के बाद क्या शिवसेना चुप बैठेगी?
वैसे नरेंद्र मोदी का उत्साह बढ़ने की एक और वजह हो सकती है. लालू की जुबान से मोदी के लिए भले ही कभी जहर के अलावा कुछ न निकला हो, लेकिन लालू की बेटी मीसा अलग ही लकीर खींचती हुई दिखाई दे रही हैं. मीसा ने मोदी के भाषण कला की खूब तारीफ की है. मुद्दों पर आधारित विकास अपनी जगह है, लेकिन मोदी के भाषण की मीसा भारती मुरीद हैं.