नरेंद्र मोदी पर निशाना साधने के लिए उनके विरोधी उनकी पत्नी का नाम भी राजनीतिक बहस में खींच रहे हैं लेकिन जशोदाबेन गुजरात के मुख्यमंत्री से सालों तक अलग रहने के बाद भी उनके प्रधानमंत्री बनने के लिए व्रत और प्रार्थना कर रहीं हैं.
जशोदाबेन के भाई कमलेश ने बताया कि 62 वर्षीय जशोदाबेन ने संकल्प लिया है कि जब तक अपने पति को प्रधानमंत्री की कुर्सी पर नहीं देख लेंगी वह चावल नहीं खाएंगी और नंगे पैर रहेंगी. सेवानिवृत्त शिक्षिका जशोदाबेन के भाई ने बताया, ‘जशोदाबेन दिल से चाहती हैं कि वह (मोदी) एक मुख्यमंत्री होते हुए देश के प्रधानमंत्री बनें. वह इसके लिए प्रार्थना कर रहीं हैं.’ जशोदाबेन अपनी इस इच्छा की पूर्ति के लिए इस समय बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री की चारधाम की यात्रा पर निकली हैं.
अपने दो भाइयों के साथ उत्तर गुजरात के मेहसाणा जिले के ईश्वरवाड़ा गांव में रहने वाली जशोदाबेन के परिवार के अनुसार वह गंभीर प्रवृत्ति की महिला हैं और सादा जीवनशैली अपनाती हैं.
कमलेश के मुताबिक, ‘वह सुबह जल्दी उठती हैं, प्रार्थना करती हैं और मंदिर जाती हैं. इसके बाद वह अपनी दैनिक चर्या में व्यस्त हो जाती हैं. वह खबरें भी पढ़ती हैं और मोदी के बारे में अखबारों में आने वाली सभी खबरें देखती हैं.’ उन्होंने कहा, ‘अगर कोई मोदी के खिलाफ गलत बात करता है तो वह उसे बर्दाश्त नहीं कर पातीं. वैसे तो वह बहुत नम्र स्वभाव की हैं और किसी के खिलाफ कभी आवाज नहीं उठातीं.’
अपने चार भाई-बहनों में सबसे बड़ीं जशोदाबेन की शादी 1968 में 17 साल की उम्र में मोदी से कर दी गयी थी. गुजरात की एक साप्ताहिक पत्रिका में प्रकाशित इंटरव्यू में जशोदाबेन ने कहा था कि दोनों बहुत कम समय साथ रहे थे. विवरण मिलता है कि मोदी अपनी शादी के कुछ ही समय बाद घर छोड़कर चले गये और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रचारक बन गये. मोदी ने जशोदाबेन को आगे पढ़ाई करने के लिए प्रोत्साहित किया था जिसके चलते उन्होंने प्रारंभिक शिक्षक प्रशिक्षण पाठ्यक्रम किया और उन्हें नौकरी मिल गयी. मोदी के बड़े भाई सोमभाई ने गुरुवार को कहा था कि मोदी की जशोदाबेन से शादी एक सामाजिक औपचारिकता हो गयी थी.
सोमभाई ने कहा था, ‘हमारे माता-पिता बहुत ज्यादा नहीं पढ़े थे और हमारा परिवार गरीब था. उनके लिए नरेंद्र मोदी अन्य किसी बच्चे की तरह ही थे. इसी तरह से हमारे माता-पिता ने उनकी शादी छोटी उम्र में जशोदाबेन से करा दी लेकिन यह केवल एक सामाजिक औपचारिकता बनकर रह गयी.’ मोदी ने वड़ोदरा लोकसभा सीट से नामांकन दाखिल करते समय अपने हलफनामे में पहली बार अपने शादीशुदा होने का उल्लेख किया है और पत्नी के खाने में जशोदाबेन का नाम लिखा है.
भाजपा नेता की इस स्वीकारोक्ति के बाद से ही विरोधी दलों के तमाम नेता उन्हें आड़े हाथ ले रहे हैं और कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने भी जम्मू कश्मीर के डोडा में अपनी रैली में अब तक पत्नी का नाम सार्वजनिक नहीं करने को लेकर मोदी पर निशाना साधा.