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एमसीडी चुनाव: संगम विहार में समस्याओं से लोग परेशान

दिल्ली का देवली विधानसभा क्षेत्र विकास से कोसों दूर है. यहां पहले चार वार्ड हुआ करते थे जिसे बढ़ा कर पांच कर दिया गया है

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देवली विधानसभा क्षेत्र
देवली विधानसभा क्षेत्र

दिल्ली का देवली विधानसभा क्षेत्र विकास से कोसों दूर है. यहां पहले चार वार्ड हुआ करते थे जिसे बढ़ा कर पांच कर दिया गया है और इस पूरे विधानसभा क्षेत्र में एक समान विकास का अगर रिपोर्ट कार्ड बनाया जाय तो नतीजे बेहद निराशाजनक मिलेंगे. चाहे देवली वार्ड हो या तिगरी या फिर संगम विहार कहीं भी आपको सड़क नाम की कोई चीज़ नहीं मिलेगी.

संगम विहार का इलाका तो हैरान कर देगा. विकास के वादे और दावे के बीच ये पूरा क्षेत्र जीने के लिये जरूरी मूलभूत सुविधाओं के अभाव से जूझ रहा है. हालात ये है के यहां सालों से रह रहे लोगों ने इस क्षेत्र का नाम बदल के संकट विहार कर दिया है.

सड़क है ही नहीं
सुनने में भले हि ये अटपटा लगे पर हकीकत ये है के संगम विहार में कहीं भी सड़क नहीं है. चाहे डीडीए हो या एमसीडी किसी ने भी यहां पक्की चलने लायक सड़क नही बनवाई है. तिगरी के मुख्य बाजार में भी यही हाल है. यहां गढ्ढों के बीच कहीं-कहीं सड़क दिखती है. समझ पाना मुश्किल है कि इतने सालों में दिल्ली के इतने बड़े हिस्से के विकास की ओर आखिर किसी का ध्यान क्यों नहीं गया.

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कहीं खुली नालियां तो कहीं नालियां नदारत
देवली विधानसभा के अंतर्गत आने वाले ज्यादातर इलाके जैसे कि संगम विहार हो या तिगरी में पानी निकासी की कोई व्यवस्था नहीं है. हालात ये है कि बारिश के दिनों में यहां घुटनों तक पानी भर जाता है और हफ़्तों ऐसे ही हालात बने रहते है कोई पूछने वाला नहीं. जहां नालियां है भी वहां महीनों से सफाई नहीं हुई है जिस कारण नालियां या तो जाम पड़ी है या उनका गंदा पानी सडकों में भरा पड़ा है.

मलेरिया डेंगू आम बीमारियां
गंदगी से भरी नालियों और हफ़्तों तक स्विमिंग पूल में तब्दील हुए इलाकों में डेंगू, मलेरिया आम बात है. सड़कों का निर्माण नही होने से इलाके के ज्यादातर सड़क कच्चे मार्ग में तब्दील हो चुकी है जिससे धूल इतना उड़ाता है कि सांस लेने में दिक्कत होती है. देवली में पूरे क्षेत्र का कूड़ा लाकर जलाया जाता है जिससे होने वाले प्रदूषण से सांस की बीमारियां आम है.

पार्कों का आभाव
जिस इलाके में चलने के लिए सड़कें न हो और नालियों की निकासी न हो वहां पार्कों की उम्मीद करना धरती पर बैठे चंद को पाने जैसी कल्पना है. वैसे जिन इलाकों में पार्क हैं भी, उनका रखरखाव न होने से वहां गंदगी का अंबार है.

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कल्पना करना मुश्किल है सुनने में शायद ये झूठ भी लगे पर अगर आपको एमसीडी या दिल्ली सरकार के वादों की हकीकत जननी हो तो एक बार देवली जरूर जाए आपको देख कर शर्म आ जायेगी के आप दिल्ली में हैं.

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