मध्य प्रदेश की 230 और छत्तीसगढ़ विधानसभा की दूसरे व अंतिम चरण की 70 सीटों पर शुक्रवार को मतदान संपन्न हो गए. दोनों राज्यों में हिंसा और मारपीट के बीच बंपर मतदान हुआ है. मध्य प्रदेश में रात 11 बजे तक 76.22 प्रतिशत तो छत्तीसगढ़ में 72.70 प्रतिशत मतदान हुआ. एमपी में पिछले विधानसभा के वोटिंग रिकॉर्ड इस बार टूट गया है. एमपी में 2018 के चुनाव में 75.63 प्रतिशत वोटिंग हुई थी.
मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ की जनता ने अपना फैसला तय कर दिया. दोनों राज्य मिलाकर 300 उम्मीदवारों की किस्मत EVM में तय हो गई. 3 दिसंबर को नतीजों का ऐलान होगा. लेकिन सवाल ये है कि बंपर मतदान किस ओर इशारा कर रहे हैं? कहीं ये सत्ता में बदलाव की आहट तो नहीं है.
दोनों राज्यों में कांग्रेस और बीजेपी की सीधी टक्कर है. लिहाजा दोनों ओर से जीत के सीधे दावे हैं. दोनों सूबों में जीत के दावों के बीच दोनों ओर से दिग्गजों ने दबी जुबान में मुख्यमंत्री पद की दावेदारी भी ठोंक दी.
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मतदान करने के बाद मीडिया से बातचीत में कहा कि इसी माटी के हम सब बेटा-बेटी हैं और अपनी जन्मभूमि और मातृभूमि पर माताओं-बहनों, भाइयों और भांजा-भांजियों का स्नेह मिल रहा है, मेरे लिए यही मेरी असली ताकत है. मुख्यमंत्री पद का दावेदार जनता और पार्टी तय करेगी.
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कमलनाथ ने भी किया जीत का दावा
कांग्रेस नेता कमलनाथ ने भी अपनी जीत के दावे कर डाले. उन्होंने कहा कि सब चौपट प्रदेश और सच्चाई का साथ देंगे. मैं मतदाताओं पर विश्वास कर रहा हूं. मैं शिवराज सिंह नहीं हूं कि बोलूं इतनी सीटें आएंगी, उतनी सीटें आएंगी. जनता तय करेगी कि कितनी सीटें आएंगी.
उधर, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी कहा कि यहां मामला एकतरफा है. किसी से लड़ाई नहीं है. ये लड़ाई यहां के कांग्रेस कार्यकर्ता, यहां के किसान, महिलाओं, युवा, सब लड़ाई लड़ रहे हैं.
छत्तीसगढ़ बीजेपी अध्यक्ष अरुण साव ने कहा कि जिस तरह से जनता आशीर्वाद भाजपा को मिल रहा है. जनता उत्साहपूर्वक परिवर्तन के लिए तैयार है.
छत्तीसगढ में डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव से लेकर उनके परिवारवालों ने दावेदारी ठोकी. राज्य के ही उपमुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता टीएस सिंह ने हालांकि मुख्यमंत्री पद की दावेदारी पर कहा कि ये हाईकमान के ऊपर है और उनकी मंशा के अनुरूप ही फैसला होगा.
मध्य प्रदेश में जमकर चले लात-घूंसे
तमाम दावों के बीच मतदान के दौरान मध्य प्रदेश की सियासी लड़ाई मारपीट और लात घूंसों में भी तबदील होती दिखी. इंदौर से लेकर राजनगर तक और मुरैना से लेकर भिंड तक बीजेपी और कांग्रेस के कार्यकर्ताओं में भिंडत की तस्वीरें सामने आईं. इंदौर में बीजेपी और कांग्रेस समर्थकों के बीच लात-घूसे चले तो मुरैना में पत्थर से लेकर हवाई फायरिंग तक हो गई. भिंड में भी पथराव हुआ. हर जगह पुलिस को संयम से काम लेते हुए विवाद निपटाना पड़ा. राजनगर सीट के उम्मीदवार तो मतदाताओं के बीच कैमरा देखते ही रो पड़े.
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छत्तीसगढ़ में पोलिंग टीम पर नक्सली हमला
छत्तीसगढ़ में वोटिंग के दौरान गरियाबंद जिले के बिंद्रानवागढ़ मतदान केंद्र से लौट रही पोलिंग टीम पर नक्सली हमले में इंडो तिब्बतन बॉर्डर पुलिस (आईटीबीपी) का एक जवान शहीद हो गया. छत्तीसगढ़ के बिंद्रानवागढ़ में भी चुनावी ड्यूटी में लगी टीम को निशाना बनाकर हमला किया गया. इस नक्सली हमले में आईटीबीपी का एक जवान शहीद हो गया. यह आईईडी ब्लास्ट उस समय किया गया, जब दूसरे चरण की वोटिंग पूरी होने के बाद पॉलिंग टीम लौट रही थी.
महिलाओं ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया: बीजेपी
मध्य प्रदेश का चुनाव इस बार काफी दिलचस्प नजर आ रहा है. दोनों पार्टियों की तरफ से अलग-अलग दावे हैं. बीजेपी की तरफ से कहा जा रहा है कि इस बार वोटिंग में महिलाओं ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया. इसके पीछे का कारण है लाडली योजना. इस योजना ने सभी महिलाओं को अधिकार और सम्मान दिया. जब यहां कांग्रेस की सरकार थी ये बीमार प्रदेश था. आज एमपी सुचारू प्रदेश है.
बीजेपी नाम का कांटा निकाल दिया जनता ने: कांग्रेस
उधर, कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि कांटे की टक्कर नहीं है मध्य प्रदेश में. लेकिन बीजेपी नाम का कांटा जो था, मध्य प्रदेश की जनता ने निकाल दिया. आरोप लगाते हुए कहा कि मेरे देश के प्रधानमंत्री जी ने अपने मन से भ्रष्टाचारी शिवराज राज को निकाल दिया, वसुंधरा राज को निकाल दिया और रमन सिंह राज को निकाल दिया. उन्होंने कहा कि एमपी के मन में मोदी, राजस्थान के मन में मोदी, छत्तीसगढ़ के मन में मोदी. आज मध्य प्रदेश ने निर्णय लिया कि जनता ने अपने मन से मोदी को निकाल दिया.
बहरहाल, अपने-अपने जीत के दावे हैं. किसे मिलेगी जीत और किसकी होगी हार. किसे मिलेगी सत्ता और कौन होगा आउट. इन सवालों का जवाब 3 दिसंबर को ही मिल पाएगा.
(आजतक ब्यूरो)