असम के मुख्यमंत्री तरुण गोगोई ने शुक्रवार घोषणा की कि वह लोकसभा चुनाव में राज्य में पार्टी के खराब प्रदर्शन की पूरी जिम्मेदारी लेते हुए अपने पद से इस्तीफा देंगे.
गोगोई ने कहा, ‘मैं राज्य में पार्टी के प्रदर्शन की पूरी जिम्मेदारी लेते हुए पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को अपना इस्तीफा सौंप दूंगा.’ उन्होंने कहा, ‘यह कोई भावना में बहकर लिया गया निर्णय नहीं है. यह अस्थायी झटका है. मैंने पहले भी ऐसी स्थिति देखी है और पार्टी ने जोरदार वापसी की है.’
उन्होंने स्मरण किया कि इंदिरा गांधी 1977 में हार गईं लेकिन सत्ता में जोरदार वापसी की और वह प्रधानमंत्री बनीं और केंद्र में कांग्रेस की सरकार बनी. गोगोई ने कहा, ‘असम में भी पहले कांग्रेस के लिए ऐसी स्थिति पैदा हुई थी और 1986 में तो कांग्रेस का खाता शून्य हो गया था.. ऐसे तूफान आते रहते हैं और कांग्रेस जानती है कि उससे कैसे लड़ा जाए.'
जब उनसे पूछा गया कि क्या कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी को पार्टी की हार की जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा दे देना चाहिए, गोगोई ने कहा, ‘उन्हें क्यों इस्तीफा देना चाहिए? वह प्रधानमंत्री तो नहीं हैं.’
असम की 14 लोकसभा सीटों में भाजपा 9 सीटों पर, कांग्रेस और मुख्य विपक्ष दल एआईयूडीएफ दो-दो सीटों और निर्दलीय एक सीट पर आगे चल रहे हैं.