बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर प्रदेश की सत्ताधारी पार्टी जदयू ने एक बार फिर से विकास को मुद्दा बनाया है. प्रदेश के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि उनकी सरकार ने पांच साल पहले न्याय के साथ विकास के जो कार्यक्रम शुरू किए थे वे चुनाव बाद भी उनकी पार्टी के सत्ता में आने पर जारी रहेंगे.
नीतीश का कहना है बिहार की जो विकास दर है उसमें मुख्यत: कृषि के अलावा सार्वजनिक निवेश का सबसे बडा योगदान है और उसका ही प्रभाव अन्य क्षेत्रों में दिखाई पड़ता है. नीतीश ने कहा कि बिहार के विकास में निजी क्षेत्रों का भी योगदान है पर उसका इतिहास प्रदेश में तंग रहा है. नीतीश सरकार ने कहा कि उनकी सरकार ने आधारभूत संरचना के निर्माण खासकर सड़क एवं पुल-पुलियों के निर्माण में काफी प्रगति की है और दूसरा सामाजिक क्षेत्र में राज्य की ओर से बहुत से कार्यक्रम बनाकर तथा सामाजिक सुरक्षा के लिए कई योजनाएं चलाई हैं.
उन्होंने कहा कि लड़कियों, महिलाओं और अल्पसंख्यक एवं पिछड़े वर्गो, महादलित परिवारों, अनुसूचित जाति एवं जनजाति के लिए उनकी सरकार अलग से योजनाएं चला रही हैं. नीतीश ने कहा कि सार्वजनिक निवेश को बढ़ाने, प्रदेश के विकास दर को बढ़ाने और कृषि उत्पादन को दोगुना करने का लक्ष्य निर्धारित किया है.{mospagebreak}
उन्होंने कहा कि राज्य में होने वाले आर्थिक विकास के लाभों को उनकी आने वाली सरकार गरीबी रेखा के नीचे रह रही आबादी के अनुपात में कमी लाने और 57 प्रतिशत के वर्तमान स्तर से घटाकर राष्ट्रीय औसत के स्तर तक लाने का प्रयास करेगी. नीतीश ने कहा कि आगे उनकी पार्टी की सरकार बनने पर राज्य सरकार अपनी खाद्य सुरक्षा योजना बनाएगी और प्रदेश के वैसे बीपीएल परिवार के लोग जिन्हें केंद्र से सहायता नहीं मिल पाती है, उन्हें खाद्यान्न अथवा नकद राशि उपलब्ध कराएगी.
वहीं जदयू की सहयोगी भाजपा का मुख्य एजेंडा बिहार का तेजी से सर्वागीण विकास करना है. भाजपा ने कहा है कि अपराधमुक्त थाना प्रभारी के वेतन में एक अतिरिक्त बढ़ोतरी दी जाएगी. जिन पंचायतों में अपराध नियंत्रित हुआ है उन्हें विशेष प्रोत्साहन राशि दी जाएगी. भाजपा के घोषणा पत्र में यह भी कहा गया है कि अभी तक राष्ट्रीय पथ और राज्य पथों का निर्माण किया जाता रहा है पर गांव की गलियों और नालियों का निर्माण भी आवश्यक है भाजपा के सत्ता में आने पर उनका निर्माण प्राथमिकताओं में शामिल रहेगा. {mospagebreak}
भाजपा नेता और राज्य के उप मुख्यमंत्री मोदी ने कहा कि उनकी पार्टी के सत्ता में आने पर एक गैर परंपरागत ऊर्जा नीति बनाएगी और उसमें जो लोग पूंजी निवेश करेंगे उन्हें विशेष अनुदान दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि उद्योग एवं अन्य आवश्यकताओं के लिए अपने इस्तेमाल के लिए कैप्टिव पावर लगाने वालों को विद्युत कर नहीं लगेगा.
मोदी ने कहा कि ग्रामीणों क्षेत्रों में उनकी पार्टी सत्ता में आने पर अलग-अलग बिजली उपलब्ध करायेगी और उनके लिए पृथक लाईन होगी जिसके अंतर्गत घर की जरूरतों के लिए चौबीसों घंटे विद्युत आपूर्ति तथा कृषि एवं लघु उद्योगों के लिए छह से आठ घंटों तक बिजली उपलब्ध करायी जाएगी.
उन्होंने कहा कि कोई आदमी अगर व्यापार शुरू करना चाहता है तो उसे उसके लिए जितने तरह के लाईसेंस और निबंधन की आवश्यकता पड़ती है उसके लिए अलग-अलग विभागों में नहीं दौड़ना पड़े बल्कि वह सभी सिंगल विंडो सिस्टम के माध्यम से उन्हें प्राप्त हो जाए. भाजपा ने ऊंची जाति के गरीब लोगों के मुद्दे को भी अपने एजेंडा में शामिल किया है.