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बीजेपी में शामिल हो सकते हैं रामकृपाल यादव, लालू बोले- नहीं रोकेंगे हम

पाटलिपुत्र से लोकसभा टिकट न मिलने पर नाराज लालू यादव के करीबी रामकृपाल यादव अब बीजेपी में शामिल होंगे. बीजेपी के सूत्रों के हवाले से खबर है कि रामकृपाल मंगलवार को पार्टी ज्‍वॉइन कर लेंगे. इन सबके बीच, आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने साफ किया है कि उन्होंने रामकृपाल को पार्टी छोड़कर जाने को नहीं कहा है. पर वे जाना चाहते हैं तो उन्‍हें नहीं रोका जाएगा.

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रामकृपाल यादव
रामकृपाल यादव

पाटलिपुत्र से लोकसभा टिकट न मिलने पर नाराज लालू यादव के करीबी रामकृपाल यादव अब बीजेपी में शामिल होंगे. बीजेपी के सूत्रों के हवाले से खबर है कि रामकृपाल मंगलवार को पार्टी ज्‍वॉइन कर लेंगे. इन सबके बीच, आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने साफ किया है कि उन्होंने रामकृपाल को पार्टी छोड़कर जाने को नहीं कहा है. पर वे जाना चाहते हैं तो उन्हें नहीं रोका जाएगा.

लालू यादव ने कहा, 'मैंने कभी भी रामकृपाल को पार्टी छोड़ने को नहीं कहा. मगर कोई पार्टी छोड़कर जाने को उतारू है तो उसे रोका नहीं जा सकता. जिन उम्मीदवारों के नाम का ऐलान हो गया उन्हें नहीं बदला जाएगा.' गौरतलब है कि रामकृपाल यादव ने 8 मार्च को आरजेडी के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया था. हालांकि उन्होंने पार्टी नहीं छोड़ी थी. जिसके बाद आरजेडी ने उनकी राज्यसभा सदस्यता को रद्द करने की सिफारिश न करने की बात कही थी.

क्या है पूरी कहानी
लालू यादव ने 6 मार्च को पार्टी के लोकसभा उम्मीदवारों की घोषणा की. इस सूची में उनकी पत्नी राबड़ी देवी और बेटी मीसा भारती का नाम था पर रामकृपाल यादव का नाम नदारद था. मीसा को पाटलिपुत्र सीट से टिकट दिया गया था, जहां रामकृपाल खुद चुनाव लड़ना चाहते थे. वे नाराज हो गए और बगावती तेवर अपना लिए. अगले दिन, 'चाचा' रामकृपाल को मनाने मीसा भारती खुद पहुंचीं. उन्होंने कहा कि वे पार्टी के वरिष्ठ नेता के लिए पाटलिपुत्र सीट छोड़ने को तैयार हैं. फिर शाम तक खबर आई कि रामकृपाल यादव मान गए हैं. लगा कि मामला सुलझ गया पर ट्विस्ट तब आया कि जब लालू यादव ने ये बयान दे दिया कि बीच रेस में घोड़े नहीं बदले जाते. इसके बाद 8 मार्च को रामकृपाल यादव ने पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा का ऐलान कर दिया. उन्होंने आरोप लगाया कि आरजेडी और मीसा भारती ने उनके साथ इमोशनल अत्याचार किया. उनके घर पर मीसा का आना महज राजनीतिक नौटंकी थी. जिस पर मीसा भारती ने पलटवार करते हुए कि अगर कोई भतीजी अपने चाचा को मनाने जाए, वह भी इमोशनल अत्याचार है, तो मैं क्या कहूं?

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