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अपने बुजुर्गों का अपमान कर रही है बीजेपीः नीतीश कुमार

बीजेपी के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि बीजेपी ने एक नए अवतार को दोबारा जन्म दिया है जो अपने बुजुर्गों का अपमान कर रही है.

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नीतीश कुमार की फाइल फोटो
नीतीश कुमार की फाइल फोटो

बीजेपी के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि बीजेपी ने एक नए अवतार को दोबारा जन्म दिया है जो अपने बुजुर्गों का अपमान कर रही है.

जहानाबाद लोकसभा सीट से जेडीयू उम्मीदवार और बिल्डर अनिल शर्मा के पक्ष में प्रचार करते हुए मोदी पर कटाक्ष करते हुए नीतीश ने कहा कि वह बीजेपी खत्म हो गयी जिसके नेता अटल बिहारी वाजपेयी थे. अब बीजेपी का नया अवतार हुआ है और ऐसा नया अवतार हुआ है जिसमें बीजेपी के सभी बड़े नेताओं को दरकिनार कर दिए गए.

नीतीश का इशारा बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, जसवंत सिंह, लालमुनी चौबे और चंद्रमोहन राय की ओर था. उन्होंने कहा, ‘आडवाणी जी लड़ना चाहते थे पर कहा गया कि गांधीनगर के पिंजडे में कैद रहो.’ नीतीश ने कहा कि अस्सी के दशक में नारा लगाया जाता था कि बीजेपी के तीन धरोहर अटल, आडवाणी और मुरली मनोहर. ये तीसरे धरोहर जोशी को वाराणसी छोड़कर जाना पड़ा.

‘बुजुर्गों को दरकिनार कर रही है बीजेपी’
नीतीश ने कहा कि वर्ष 1999 जार्ज फर्नांडिस के साथ मिलकर एनडीए का न्यूनतम साझा कार्यक्रम तैयार करने वाले और अटल सरकार में विदेश, रक्षा एवं वित्तमंत्री रहे जसवंत सिंह को राजस्थान में अपने गृह संसदीय क्षेत्र से टिकट नहीं दिया गया.

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उन्होंने कहा कि बिहार में लालमुनी चौबे का बक्सर से टिकट काट दिया और पुराने नेता चंद्रमोहन राय के बारे में अखबार में आया है कि उन्होंने भी बीजेपी के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया है.

नीतीश कुमार ने कहा कि उस पार्टी के नए अवतार ने बीजेपी पर जिस प्रकार से कब्जा किया उसी तरह से वह पूंजीपतियों की मदद से देश पर कब्जा करना चाहते हैं. उन्होंने मोदी की चुनावी रैलियों की चर्चा करते हुए कहा कि चुनाव पर कितना खर्च किया जा रहा है. एक-एक रैली पर करोड़ों रुपये खर्च किए जा रहे हैं. वह पैसा कहां से आ रहा है. किसका पैसा है.

नीतीश ने कहा कि जो पूंजीपति पैसा लगा रहा है वह निवेश कर रहा है और देश की राजनीति में निवेश कर रहा है.

उन्होंने आरोप लगाया कि अब तक जो पूंजीपति थे वे मदद करते थे पर अब एक मुखौटा (नरेंद्र मोदी) सामने रखकर देश पर राज करना चाहते हैं. इसलिए वे धन लगा रहे हैं. बेशुमार दौलत का इस्तेमाल हो रहा है. चुनाव के दौरान इतने बड़े पैमाने पर एक पार्टी जो खर्च कर रही है. हम लोगों ने जबसे होश संभाला है किसी भी पार्टी से चुनाव पर इतना खर्च नहीं किया है. उनका इशारा बीजेपी की तरफ था.

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‘अहंकारी नहीं स्वाभिमानी हूं’
नीतीश ने कहा कि जो पैसा दे रहा है वह चुनाव के बाद उसकी वसूली करेगा. इसलिए युवा पीढ़ी को आगाह करना चाहते हैं कि वे (मोदी) विकास का ढकोसले की बात में ना आये. उन्होंने कहा कि बीजेपी गुजरात के विकास मॉडल को जिस प्रकार से महिमामंडित कर रही है पर वहां बड़ी पूंजी का निवेश होने पर भी रोजगार के अवसर कम हुए.

नीतीश ने कहा कि वे भावना भड़काकर सत्ता पाने और सांप्रदायिकता की राजनीति बर्दाश्त नहीं कर सकते. इसलिए कुर्सी की परवाह किए बिना अपने सिद्धांत के कारण उससे नाता तोड़ा.

उन्होंने कहा कि आज बिहार के विकास की बात करने पर बीजेपी द्वारा अपमानित किया जा रहा है और उन्हें अहंकारी कहा जा रहा है. हम अहंकारी नहीं हो सकते, स्वाभिमानी हैं. हमें हिंदुस्तानी और बिहारी होने का स्वाभिमान है.

रोजगार नहीं तो विकास का मतलब क्या?
नीतीश कुमार ने कहा कि वह बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिलाने की लड़ाई लड़ रहे पर कुछ लोग कुर्सी (नरेंद्र मोदी के पीएम बनने) की लड़ाई लड़ रहे हैं और गुजरात के विकास के मॉडल की बात कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि गुजरात में आदिवासियों की दशा क्या सुधरी और उन्हें रोजगार मिला. आंकड़े बताते हैं पहले गुजरात में 80 प्रतिशत आदिवासी खेत पर निर्भर थे और आज वहां इतना उद्योग लगने पर कल-कारखानों में काम मिलने से उनकी खेती पर निर्भरता घटने के बजाए अब यह बढ़कर 85 प्रतिशत हो गयी है.

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नीतीश ने कहा कि गुजरात में पूंजी लग रही है पर वहां रोजगार के अवसर नहीं पैदा हो रहे हैं ऐसे में उस विकास का क्या मतलब है.

उन्होंने कहा कि 2007 के आंकड़े के मुताबिक गुजरात में दो लाख मजदूर कपास की खेती में काम करते थे और उसमें से एक तिहाई बाल मजदूर हैं.

लालटेन पर मुहर लगाया तो कैसे मिलेगी बिजली?
नीतीश ने कहा कि आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद पर प्रहार करते हुए कहा कि वे दिन में ही लालटेन जलाकर घूम रहे हैं. याद रखियेगा जिस दिन लालटेन दिन में जलने लगेगी (आरजेडी के पक्ष में मतदान किया) न तो बिजली पहुंचेगी और न ही समाज में अमन-चैन रहेगा.

उन्होंने एलजेपी सुप्रीमो रामविलास पासवान और राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद पर कटाक्ष करते हुए कहा कि उन्हें किसी प्रकार का लोभ नहीं है और न ही अपने भाई या परिवार के किसी अन्य को आगे बढ़ाना है बल्कि बिहार के दस करोड़ लोगों की चिंता है. किसी को बेटे की चिंता तो किसी को बेटी की चिंता और बीबी की चिंता तथा साले (साधु यादव) की चिंता भले ही वह काम नहीं आया.

नीतीश ने नक्सल प्रभावित जहानाबाद और उससे अलग हुए अरवल जिला की चर्चा करते हुए कहा कि उनकी सरकार के सत्ता में आने के पूर्व आम जनता की बात तो दूर कुछ इलाकों में दिन में पुलिस भी जाने से कतराती थी और शाम होने से पहले लोग घर लौट आते थे, पर अब वे अपनी मर्जी से लौटते हैं.

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