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आम आदमी पार्टी ने आपराधिक मामले में नामजद उम्मीदवार से समर्थन वापस लिया

दिल्ली विधानसभा चुनाव को सिर्फ एक हफ्ता बचा है और आम आदमी पार्टी ने ऐतिहासिक फैसला लेते हुए आपराधिक मामले में आरोपी अपने एक उम्मीदवार को वापस ले लिया है.

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AAP नेता योगेंद्र यादव
AAP नेता योगेंद्र यादव

दिल्ली विधानसभा चुनाव को सिर्फ एक हफ्ता बचा है और आम आदमी पार्टी ने ऐतिहासिक फैसला लेते हुए आपराधिक मामले में आरोपी अपने एक उम्मीदवार को वापस ले लिया है.

प्रीतपाल सिंह सलूजा राजौरी गार्डन विधानसभा से आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार थे. उनके खिलाफ दहेज उत्पीड़न का मामला पाया गया. अब पार्टी 69 सीटों पर ही चुनाव लड़ेगी.

इसकी जानकारी देते हुए मंगलवार को AAP नेता योगेंद्र यादव ने कहा, 'पार्टी उच्च स्तर की नैतिकता में यकीन रखती है. पार्टी ने पाया है कि सलूजा ने लखनऊ में अपने खिलाफ हुई एफआईआर और आपराधिक मामले की बात छिपाई. पार्टी ने फैसला किया है कि सलूजा को समर्थन वापस ले लिया जाएगा.'

उन्होंने बताया कि हालांकि नामांकन वापस लेने की तारीख (20 नवंबर) बीत चुकी है, इसलिए सलूजा की उम्मीदवारी आधिकारिक तौर पर वापस नहीं ली जा सकती. लेकिन अब वह पार्टी के उम्मीदवार नहीं हैं. राजौरी गार्डन से अब आम आदमी पार्टी की ओर से कोई नहीं लड़ेगा.

प्रीतपाल के खिलाफ दहेज उत्पीड़न का मामला था
पार्टी ने बताया कि अक्टूबर 2012 में सलूजा और उनके परिवार के तीन सदस्यों के खिलाफ लखनऊ में एफआईआर दर्ज की गई थी. लखनऊ पुलिस की ओर से दाखिल की गई चार्जशीट में उनके खिलाफ दहेज उत्पीड़न का मामला दर्ज किया था.

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योगेंद्र यादव ने बताया, '11 नवंबर को ट्रायल कोर्ट की ओर से उन्हें नोटिस जारी किया गया था, जो शायद 14 नवंबर तक उन तक नहीं पहुंचा. 14 नवंबर को ही सलूजा ने आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार के तौर पर नामांकन भरा था. यानी नामांकन भरते वक्त उनके खिलाफ तकनीकी रूप से कोई मामला नहीं था.'

पार्टी का दावा, चुनाव के इतिहास में ऐसा पहली बार
पार्टी ने दावा किया कि सलूजा के खिलाफ अभी कोर्ट में कोई मामला साबित नहीं हुआ है, फिर भी पार्टी यह फैसला ले रही है. सुप्रीम कोर्ट में वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने मामले के सभी कागजात देखे, उन्हें प्रामाणिक पाया, जिसके बाद पार्टी ने यह फैसला किया.

उन्होंने दावा किया कि चुनावों के इतिहास में यह पहली बार है जब चुनाव से ठीक पहले पार्टी ने किसी उम्मीदवार को आपराधिक मामला दर्ज होने की वजह से वापस ले लिया. योगेंद्र ने राजौरी गार्डन विधानसभा के वोटरों से माफी भी मांगी.

एक साल पहले बनी आम आदमी पार्टी अपने लिए नैतिकता के कड़े मानदंड रखने का दावा करती है. पार्टी की ओर से पहले ही कहा गया था कि अगर किसी उम्मीदवार के खिलाफ छिपाया गया आपराधिक मामला सामने आया तो वह चुनाव से एक दिन पहले भी उसे वापस ले लेंगे.

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कांग्रेस-BJP को चुनौती दी कुमार विश्वास ने
इस फैसले के बाद आप नेता कुमार विश्वास ने फेसबुक पर लिखा, 'देश के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है, कि किसी राजनीतिक दल ने ऐन वक्त पर अपना उम्मीदवार वापस लिया, क्योंकि उसके खिलाफ एक आपराधिक मुक़दमा दर्ज है, जिसकी जानकारी पार्टी को नहीं दी गई थी.' उन्होंने चुनौती देते हुए कहा, 'हिम्मत है तो कांग्रेस-भाजपा ऐसा करके दिखाए.'

कुमार ने लिखा, 'हमें अपनी शुचिता का संवहन करने के लिए किसी खोजी पत्रकार के 'इन्वेस्टीगेशन' कि जरूरत नहीं है.'

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