दिल्ली विधानसभा चुनाव अभी दूर हैं, लेकिन यहां बीजेपी के लिए मुश्किलें बढ़ती दिख रही हैं. डॉ. हर्षवर्धन को बीजेपी की ओर से सीएम पद का उम्मीदवार बनाए जाने की खबरों के बीच दिल्ली प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष विजय गोयल ने विद्रोही रुख अख्तियार कर लिया है. उन्होंने धमकी देते हुए पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से कहा है कि यदि डॉ. हर्षवर्धन को सीएम उम्मीदवार बनाया गया, तो वे पार्टी के लिए काम करना छोड़ देंगे.
सूत्रों के मुताबिक, विजय गोयल ने खुद ही पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को फोन कर बताया कि इसी साल अप्रैल में प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष बनाए जाने के बाद से किस तरह उन्होंने पार्टी को मजबूत बनाने में खुद को झोंक दिया.
इससे पहले गोयल ने बुधवार को दिल्ली में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करके इस पद पर अपनी दावेदारी जता दी. चुनाव प्रभारी नितिन गडकरी ने संसदीय दल में फैसला होने की बात कहकर हालात को संभालने की कोशिश जरूर की, लेकिन बीजेपी में पर्दे के पीछे से अंदरूनी राजनीति को खूब हवा मिल रही है.
दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष विजय गोयल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस तो बुलाई थी दिल्ली सरकार के आरोपों को नकारने के लिए, लेकिन इस मौके का इस्तेमाल सीएम पद पर अपनी दावेदारी जताने के लिए किया. गोयल ने साफ शब्दों में कहा कि सीएम पद के उम्मीदवार का फैसला कार्यकर्ताओं की राय के आधार पर संसदीय दल करेगा.
गोयल ने कहा, 'जहां तक मुख्यमंत्री पद के प्रत्याशी का संबंध है, मैं समझता हूं कि जो ज्यादा सक्रिय है, उसी को यह पद दिया जाना चाहिए.' इसी के साथ उन्होंने इस बात का संकेत दिया कि पार्टी के प्रचार में उनकी सबसे ज्यादा सक्रियता को देखते हुए उन्हें ही प्रत्याशी बनाया जाना चाहिए. गोयल ने कहा, 'चाहे प्रचार हो या रैली, हमने अभी तक जो काम किया है, उसे आप देख रहे हैं. हम सफल और प्रभावी रहे हैं.'
बीजेपी के प्रदेश प्रमुख ने संवाददाताओं से उनकी छवि धूमिल नहीं करने और उनकी साफ-सुथरी छवि को नुकसान नहीं पहुंचाने की भावुक अपील की. दिल्ली विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र गोयल ने कहा, 'पिछले 40 वर्षों के दौरान किसी ने भी मेरे खिलाफ आरोप नहीं लगाया. मेहरबानी कर मेरी साफ छवि पर दाग नहीं लगाएं.' उन्होंने दलील दी कि वे दिल्ली में वे सबसे अधिक लोकप्रिय प्रत्याशी हैं और विभिन्न रायशुमारियों में उनकी लोकप्रियता की ओर इशारा किया गया है.
सीएम पद के उम्मीदवार के तौर पर डॉ. हर्षवर्धन का नाम उछलने के बाद गोयल ने अपनी दावेदारी के लिए सारे घोड़े खोल दिए. बवाल बढ़ता देख दिल्ली के चुनाव प्रभारी नितिन गडकरी ने राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह से मुलाकात की. साथ ही एक बयान जारी कर बता दिया कि सीएम पद के उम्मीदवार का फैसला संसदीय बोर्ड में लिया जाएगा. लेकिन पार्टी के भीतर खलबली मची रही.
बीजेपी नेता आरती मेहरा ने तो कुछ और नामों को भी सूची में जोड़ दिया. चुनाव से पहले पार्टी की अंदरूनी उठा-पटक ने बीजेपी की राजनीति को गरमा दिया है. चर्चा ये भी है कि पर्दे के पीछे से सीएम पद की उम्मीदवारी को हवा देने के पीछे पार्टी के ही बड़े नेताओं की रणनीति है. कौन बनेगा मुख्यमंत्री, इसका फैसला चार दिसंबर को दिल्ली की जनता करेगी, लेकिन बीजेपी के भीतर सीएम उम्मीदवारी पर बवाल मच गया है.