नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री बनने से रोकने के लिए कांग्रेस किसी भी मोदी रोको गठबंधन को समर्थन देने को तैयार है. पार्टी सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस के लिए उस गठबंधन का नेतृत्व मायने नहीं रखता. अहम है मोदी को पीएम बनने से रोकना. अभी देश में 194 सीटों पर मतदान होना बाकी है ऐसे में कांग्रेस एनडीए के चुनावी रथ को आखिरी मौके पर रोकने की जुगाड़ में जुट गई है.
हालांकि, पार्टी की यह रणनीति अगर-मगर की स्थिति पर आधारित है. पार्टी मानती है कि मोदी की लहर का दावा करने वाला एनडीए गठबंधन अगर 272 के जादुई आंकड़े को छूने में नाकाम रहता है. वह 220-230 सीट जीतने में ही कामयाब होता है तो एक बार फिर सेकुलर मोर्चा तैयार किया जा सकता है.
कांग्रेस का अनुमान है कि बीजेपी और एनडीए को 272 के पास पहुंचने के लिए कांग्रेस और क्षेत्रीय पार्टियों को बेहद ही खराब प्रदर्शन करना होगा. पर जमीनी हकीकत इस समीकरण का समर्थन नहीं करते.
अगर एनडीए का प्रदर्शन बहुत अच्छा नहीं रहा तो कांग्रेस और यूपीए गठबंधन बहुमत के आंकड़े से 100-120 सीटों से दूर रहता है तो कांग्रेस के रणनीतिकार एक बार फिर सेकुलर मोर्चा खड़ा करने में कामयाब हो सकेंगे. हालांकि, ये सारे समीकरण इस बात पर निर्भर करेंगे कि 16 मई को नतीजे किस पार्टी के पक्ष में आते हैं.