2014 के लोकसभा चुनाव में नरेन्द्र मोदी से टकराने के लिए कांग्रेस ने प्रचार की रणनीति बदल दी है. मोदी के व्यक्तित्व पर हमला करते टीवी विज्ञापन अब रोक दिए गए हैं. इनकी जगह कांग्रेस लोकलुभावन वायदों वाले विज्ञापनों से वोटों की आस लगा रही है. कांग्रेस के प्रचार विभाग को महसूस हुआ है कि नकारात्मक विज्ञापनों से शायद ज्यादा फायदा नहीं हो रहा है.
कांग्रेस ने तय किया है कि अब वह पुराने विज्ञापन, जिसमें मोदी पर सीधा या परोक्ष हमला हो, जैसे 'कट्टर सोच नहीं युवा जोश', से दूर रहेगी. कांग्रेस ने इस तरह के विज्ञापनों से बीजेपी और नरेंद्र मोदी पर अबतक जमकर खूब निशाना साधा है. मोदी की छवि और व्यक्तित्व को काउंटर करते कांग्रेस के ये विज्ञापन मीडिया में खूब छाए रहे. लेकिन अब चुनाव की तारीख करीब आते आते कांग्रेस की सोच शायद बदलने लगी है. लिहाजा उसके विज्ञापन भी अब बदलने लगे हैं.
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कांग्रेस के प्रचार विभाग को ये लगने लगा है कि मोदी को केन्द्र में रखकर टीवी पर चले ये विज्ञापन नकारात्मकता का इशारा करते हैं. चूंकि देश अब मतदान के मुहाने पर है इसलिए नए विज्ञापन सकारात्मक सोच वाले होने चाहिए. नए विज्ञापनों में अपनी उपलब्धियां गिनाने के साथ ही युवाओं, किसानों और महिलाओं के लिए लुभावने वायदे हैं, जिनके जरिये कांग्रेस वोटरों को लुभाने की कोशिश करेगी. हालांकि बीजेपी इसे भी कांग्रेस की लूटतंत्र का हिस्सा मान रही है.
दरअसल, कांग्रेस भारत निर्माण के विज्ञापन को सबसे बेहतर और फायदेमंद मान रही थी, लेकिन चुनाव के चलते टीवी पर ये सरकारी विज्ञापन रोकना पड़ गया. वहीं कांग्रेस को अब लगने लगा है कि सिर्फ मोदी पर हमला करके ज्यादा फायदा नहीं हो रहा इसीलिए चुनावी रेवड़ियों और बड़े सपनों के जरिये 2014 के चुनावी दंगल में फायदा हो सकता है.
बीजेपी ने कांग्रेस के इस नए विज्ञापन पर हमला बोला है. बीजेपी ने कहा है कि देश को ऐसे मुफ्त वादे नहीं चाहिए.