सहारनपुर लोकसभा क्षेत्र से कांग्रेस प्रत्याशी इमरान मसूद को देवबंद अदालत की ज्यूडीशियल मजिस्ट्रेट अर्चना रानी ने 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है. कांग्रेस प्रत्याशी इमरान मसूद के खिलाफ नरेंद्र मोदी पर की गई अमर्यादित टिप्पणी पर थाना देवबंद कोतवाली में शुक्रवार को भारतीय दंड संहिता की धारा 153 ए, 295ए और लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 125 ,504 ,506 और अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था.
इमरान मसूद को पुलिस ने रात में ही उनके निवास से गिरफ्तार करके आज देवबंद अदालत में पेश किया था. सुबह से ही अदालत परिसर में इमरान मसूद के समर्थकों का तांता लग गया था, जो उनके समर्थन में नारेबाजी कर रहे थे. अदालत के इस फैसले से उनके समर्थकों में उदासी छा गई है. इमरान की गिरफ्तारी के लिए सहारनपुर पुलिस सौ से ज्यादा पुलिस वालों की पलटन लेकर पहुंची थी. इस दौरान जिले के अधिकतर SO, CO व खुद SSP भी मौजूद थे. इमरान मसूद को उनके आवास से गिरफ्तार किया गया. इसके बाद शनिवार को सहारनपुर में होने वाली कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी की रैली को रद्द कर दिया गया है. राहुल गांधी अब गाजियाबाद और मुरादाबाद में रैली करेंगे.
इमरान मसूद ने बीजेपी के पीएम उम्मीदवार नरेंद्र मोदी को लेकर भड़काऊ भाषण दिया था और जान से मारने की धमकी दी थी. देवबंद के पास एक गांव में जब इमरान मसूद भड़काऊ भाषण दे रहे थे तो किसी ने मोबाइल पर उसे रिकॉर्ड कर लिया था और इंटरनेट पर डाल दिया. इंटरनेट पर मसूद का ये भड़काऊ भाषण वायरल की तरह फैल गया. गिरफ्तारी पर सहारनपुर के SSP डॉ. मनोज कुमार ने कहा, 'उनकी एक वीडियो फुटेज हम लोगों को मिली है. जिसके अवलोकन से हम लोगों को एक मुकदमा थाना देवबंद में रजिस्टर कराया गया है, जिसके बाद हमने कार्रवाई शुरू की और उनको गिरफ्तार कर लिया गया.
कांग्रेस ने किया मसूद का बचाव
कांग्रेस ने बीजेपी के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करने के आरोप में गिरफ्तार सहारनपुर लोकसभा सीट से अपने प्रत्याशी इमरान मसूद का बचाव करते हुए आज कहा कि मसूद ने वह बयान तब दिया था जब वह समाजवादी पार्टी में थे. उत्तर प्रदेश कांग्रेस के उपाध्यक्ष सत्यदेव त्रिपाठी ने यहां संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि मसूद की जिस वीडियो क्लिपिंग पर विवाद खड़ा हुआ है, वह 18 सितंबर 2013 को एक मोबाइल फोन से रिकॉर्ड की गई थी. उस वक्त वह सपा में थे. वह इस साल आठ मार्च को कांग्रेस में शामिल हुए थे. उन्होंने दलील दी कि वीडियो क्लिपिंग में मसूद के पास शेर सिंह नामक व्यक्ति खड़ा है जिसकी पिछले साल चार दिसंबर को मृत्यु हो चुकी है. इस क्लिपिंग को जब उस समय स्थानीय प्रशासन को दिखाया गया था तब उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई थी, क्योंकि तब वह सत्तारूढ़ दल में थे.