पांच राज्यों में फरवरी से शुरू हो रहे विधानसभा चुनावों को लेकर चुनाव आयोग से जारी नए सर्कुलर को लेकर गोवा और पंजाब में असमंजस की स्थिति बन गई है. इन दोनों राज्यों में 4 फरवरी को मतदान होने वाले हैं, जिसके लिए नामांकन भरने की आखिरी तारीख 18 जनवरी है. ऐसे में आयोग के नए नियम से दोनों राज्यों में उम्मीदवारों के बीच हडकंप मचा हुआ है.
दरअसल यहां चुनाव आयोग के उस नए नियम से बवाल मचा है, जिसके मुताबिक सरकारी आवास में रह रहे लोग पानी, बिजली और टेलिफोन के बकाया बिलों की जानकारी आयोग को देंगे. नामांकन भरने के लिए ऐसे उम्मीदवारों के नो ड्यूज सर्टिफिकेट देना अनिवार्य होगा, लेकिन चुनाव आयोग के सर्कुलर में इस बात का कहीं स्पष्टीकरण नहीं कि आखिर इस नियम के दायरे में कौन लोग आते हैं.
चुनाव आयोग ने हाईकोर्ट के जिस आदेश पर यह नियम अमल में लाया है, वह उन नेताओं और सरकारी बाबुओं के लिए था, जो सरकारी सुविधाओं का इस्तेमाल करते थे, लेकिन भुगतान नहीं करते थे. उनके दुरुपयोग की खबरें बार-बार आने के बाद अदालत ने यह आदेश दिया था.
चुनाव आयोग ने इस साल पांच राज्यों के चुनावों में इस्तेमाल नियम पर सर्कुलर जारी कर दिया है, लेकिन इस नियम के तहत किस तरह के उम्मीदवारों के लिए नो ड्यूज सर्टिफिकेट देना अनिवार्य होगा, इसका कोई जिक्र नहीं. ऐसे में उम्मीदवार परेशान हैं कि अब नामांकन की आखिरी तारीख में महज 3 बाकी हैं, ऐसे में असमंजस की इस स्थिति से उम्मीदवारों के सामने मुश्किल खड़ी हो गई है.
गोवा में चुनाव अधिकारी ने सभी उम्मीदवारों से पानी, बिजली और टेलिफोन के नो ड्यूज सर्टिफिकेट मांगे हैं. ना सिर्फ सरकारी आवास में रहने वाले, बल्कि गैर सरकारी आवास में रहने वाले उम्मीदवारों को भी नो ड्यूज सर्टिफिकेट देने को कहा जा रहा है.
सूत्रों की मानें तो मामले में शिकायत मिलते ही गोवा के मुख्य चुनाव अधिकारी ने चुनाव आयोग को चिट्ठी लिखकर सर्कुलर पर स्पष्ट दिशा निर्देश मांगे हैं. सूत्रों के मुताबिक, गोवा और पंजाब दोनों ही राज्यों के चुनाव अधिकारियों ने सर्कुलर को लेकर चुनाव आयोग को लिखा है और चुनाव आयोग जल्द ही इस नियम को लेकर स्पष्टीकरण जारी कर सकता है.
वहीं गोवा में चुनाव लड़ रहे आम आदमी पार्टी ने इसे चुनाव आयोग की खामी बताया है. आप नेता आशुतोष की मानें तो उनके कई उम्मीदवारों से नामांकन भरने के दौरान नो ड्यूज सर्टिफिकेट मांगे गए. आप का कहना है कि नामांकन की तारीख खत्म होने में महज तीन दिन बचे हैं, ऐसे में इस सर्कुलर से उम्मीदवारों का नामांकन रद्द होने का खतरा मंडरा रहा है. चुनाव आयोग की इस लापरवाही का खामियाजा उम्मीदवारों को भुगतना पड़ेगा.
उधर गोवा के मुख्य चुनाव अधिकारी के दफ्तर की मानें तो सभी उम्मीदवारों को असुविधा से बचाने के लिए नो ड्यूज सर्टिफिकेट देने की सिंगल विंडो व्यवस्था की जा रही है.