लोकसभा चुनाव में रामपुर प्रत्याशी के पक्ष में मुस्लिमों को रिझाने के लिए आजम खान ने करगिल युद्ध का राग छेड़ दिया. 1999 में भारत और पाकिस्तान के बीच हुए युद्ध में भारत की जीत हुई थी. आजम खान ने इस जीत का सेहरा मुसलमान शहीदों के सिर बांधा.
रैली को संबोधित करते हुए आजम खान ने करगिल युद्ध के शहीदों की लिस्ट पढ़ी. इस सूची में उन्होंने रियासत अली, जुबैर अहमद, हुसैन अहमद, मोहम्मद इल्यास, रिजवान, अहमद अली, आबिद खान, अजहरुद्दीन, जुनैद का नाम करगिल शहीदों के रूप में लिया. इसके बाद यह भी कह डाला कि मुस्लिम जवानों के बूते भारत को युद्ध में जीत नसीब हुई थी.
अकसर विवादों से घिरे रहने वाले आजम खान को सोशल मीडिया ने पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई का एजेंट बना दिया है. इस पर भावुक होते हुए आजम खान ने रैली में मौजूद लोगों से पूछा कि आखिर 'हम' कहां जाएं? उन्होंने मुस्लिमों को कटघरे में खड़े किए जाने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि कहा कि देश की फासिस्ट ताकतें मुसलमानों को दोयम दर्जे का नागरिक मान रही हैं.
करगिल युद्ध पर दिए इस बयान के बाद यूपी सरकार में नगर विकास मंत्री आजम खान पर चुनाव आयोग ने जवाब मांगा है साथ ही बीजेपी और कांग्रेस इसी बहाने सपा पर निशाना साधने में जुट गई है.