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जानिए झारखंड की चुनावी रैली में मोदी की 5 खास बातें

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विदेश दौरे से लौट आए हैं और आते ही उन्होंने चुनावी बिगुल फूंक दिया है. PM आज पहुंचे झारखंड के डाल्टनगंज में चुनावी सभा को संबोधित करने. मोदी का संवाद कौशल तो अब इंटेरनेश्नली अक्लेम्ड है. अगर आपने मोदी का भाषण नहीं सुना तो जानिए झारखंड की चुनावी रैली में मोदी की 5 खास बातें

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विदेश दौरे से लौट आए हैं और आते ही उन्होंने चुनावी बिगुल फूंक दिया है. PM आज पहुंचे झारखंड के डाल्टनगंज में चुनावी सभा को संबोधित करने. मोदी का संवाद कौशल तो अब इंटेरनेशनली अक्लेम्ड है. अगर आपने मोदी का भाषण नहीं सुना तो जानिए झारखंड की चुनावी रैली में मोदी की 5 खास बातें

1. रैली में मोदी की स्टाइल बन चुका शुरुआती संबोधन. स्थानीय इतिहास, मिथकों और महापुरुषों का एक एक कर नाम गिनाया और फिर उन सबको और झारखंड के नागरिकों को प्रणाम किया. बार बार कहा. आपका आशीर्वाद मिलेगा, तभी देश आगे बढ़ा पाऊंगा.
2.
जनता से सीधा संवाद. मसलन, उनसे सवाल कि एक बात पूछूं, बुरा तो नहीं मानोगे, मुझ पर नाराज तो नहीं होगे. ऐसे ही आखिर में जनता से कहना. मेरे साथ मुट्ठी बंद कर कहो, भारत माता की जय. जनता, हां, न और मोदी मोदी के नारों के साथ भाषण के दौरान लगातार सक्रिय.
3. विरोधियों के विदेश में रहने वाले पीएम के कटाक्ष का जवाब भी मोदी देना नहीं भूले. कहा, कहीं भी जाता हूं. अपने गरीब किसानों, आदिवासियों, माताओं-बहनों के जीवन को बेहतर बनाने के उपाय खोजता हूं. इसके बाद तमाम यात्राओं के किस्से सुना ये जताया कि मोदी को उनकी चिंता है.
4. सामान्य सी बात को भी चुनावी युक्ति में बदल देना. मसलन डाल्टनगंज रैली में किस्सा केले का. बकौल मोदी, केला अमीरों का फल नहीं है. गरीब भी खरीदकर खा सकते हैं. मैंने विदेश यात्रा में पता किया कि कैसे वैज्ञानिक तरीके से केले में ज्यादा विटामिन और आयरन आएं. ताकि माताएं बहनें खाएं प्रसूति के समय और उनका जो बच्चा पैदा हो, वह ताकतवर पैदा हो. हमारे बच्चे केला खाएं. उनकी आंखों की ज्योति बढ़े. केले में विटामिन ए ज्यादा हो.
5.  पूर्ववर्तियों और कुल मिलाकर नेताओं की वादाखिलाफी पर व्यंग्य. मोदी बोले, अब तक देश के प्रधानमंत्री आते थे. फलाने ढिमके वादे करते थे. मैं बड़ी बड़ी बातें नहीं करता. मुझे तो मेरी माता बहनों के लिए शौचालय बनवाना है. मैं तो कहता हूं स्कूल के अंदर बच्चियां जा रही हैं, उनके लिए पोषण वाला खाना और शौचालय क्यों नहीं हो सकता. इस तरह मोदी लोगों के बीच नए सिरे से अपनी सत्ता, प्रधानमंत्री की सत्ता और सरकार का रुतबा कायम करने की कोशिश करते दिखे.

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