
पंजाब के 117 विधानसभा सीटों में से एक मोगा विधानसभा सीट की संख्या 73 है. यह सीट मोगा जिले में स्थित है और फरीदकोट लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आता है. यह खुला निर्वाचन क्षेत्र है. हालांकि संबंधित लोकसभा क्षेत्र फरीदकोट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है.
राजनीतिक पृष्ठभूमि
मोगा विधानसभा सीट पर 1957 से ही विधानसभा चुनाव लड़े जा रहे हैं. और अगर मोटे तौर पर नतीजों की बात करें, तो इस सीट पर अब तक कुल हुए 15 विधानसभा चुनावों में से ये सीट 10 बार कांग्रेस पार्टी के कब्जे में रही है.
डाक्टर हरजोत कमल से पहले इस सीट पर जोगिंदर पाल जैन लगातार 3 बार चुनाव जीत चुके हैं. 2007 और 2012 में कांग्रेस के टिकट पर चुने गए थे, लेकिन बाद में वह शिरोमणि अकाली दल में शामिल हो गए और इस कारण 2013 में उपचुनाव कराना पड़ा, जिसमें भी जोगिंदर पाल विजयी हुए.
जहां तक मतदान के वोटिंग पैटर्न का सवाल है, तो शहर के अधिकतर क्षेत्र में हिन्दू समुदाय के लोग रहते हैं. जिसके चलते शहरवासी हिन्दू प्रत्याशी के हक में ही अपने मत का इस्तेमाल करने को प्राथमिकता देते हैं.
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सामाजिक तानाबाना
अगर हम मोगा सीट के सामाजिक और धार्मिक समीकरण की बात करें, तो वैसे तो इस सीट का आर्थिक या ऐतिहासिक तौर पर कोई खास महत्व नहीं है. लेकिन हिन्दू बहुलता वाला क्षेत्र होने के कारण, लोग हिन्दू प्रत्याशी को वरीयता देते हैं.
इस विधानसभा हलके में अब कुल 199430 वोटर्स हैं. जबकि वर्ष 2017 में कुल 193072 वोटर्स थे, जिनमें से 90809 महिला वोटर्स जबकि 102256 पुरुष मतदाता थे और
7 तीसरे लिंग के मतदाता भी थे. इस सीट से जुड़ी कोई भी ऐसी खास घटना या व्यक्ति विशेष नहीं है.
2017 का जनादेश
अगर हम इस सीट पर 2017 के जनादेश की बात करें तो फिलहाल इस सीट पर कांग्रेस पार्टी के डाक्टर हरजोत कमल काबिज हैं. हरजोत कमल को 2017 के चुनाव में 52357 मत पड़े थे. जबकि इस सीट पर आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी वकील रोमेश ग्रोवर 50593 वोट लेकर दूसरे नंबर पर रहे थे.

तीसरे नंबर पर शिरोमणि अकाली दल के प्रत्याशी बरजिंदर सिंह बराड़ रहे थे जिनके खाते में 36506 वोट पड़े थे. इस सीट पर वर्ष 2017 में 75 प्रतिशत वोटिंग हुई थी.
रिपोर्ट कार्ड
विधायक हरजोत कमल 53 साल के हैं और उच्च शिक्षा प्राप्त नेता हैं. इनके परिवार में धर्मपत्नी डाक्टर राजिंदर कौर के इलावा दो बच्चे (एक पुत्र व एक पुत्री) हैं.
साल 2017 के विधनसभा चुनावों में हरजोत कमल सिंह की ओर से दाखिल हलफनामे के मुताबिक तीन करोड़ रुपये से अधिक के एसेट्स के मालिक हैं, जबकि इनकी 18 लाख रुपये से अधिक की देनदारी थी.
जहां तक विधायक की राजनीतिक उपलब्धियों का सवाल है, तो विधायक साहिब क्षेत्र में जहां 6.50 करोड़ रुपये की लागत से 4 मंजिला 50 बेडेड आयुष हस्प्ताल लाने में कामयाब हुए हैं तो वहीं 49 नंबर वार्ड में पौने दो करोड़ रुपये की लागत से पार्क बनाया जा रहा है. शहर में एक मल्टी पार्किंग प्रोजेक्ट के अलावा शहर के अनेक हिस्सों को CCTV कैमरों से लैस भी किया गया है.
साथ ही जहां शहर के अनेक वार्डों का कायाकल्प हुआ है, तो वहीं सरकारी अस्पताल की खस्ता हालत में खासा सुधार हुआ है.