scorecardresearch
 

महाराष्ट्र चुनाव में कृपाशंकर सिंह की ‘एप्पल पॉलिटिक्स’

राजनीति किसी के लिए कब कैसी पलटी खाए, कोई नहीं कह सकता. कृपाशंकर सिंह को हाल तक मुंबई और महाराष्ट्र में कांग्रेस का कद्दावर नेता माना जाता रहा. लेकिन कश्मीर में अनुच्छेद 370 के प्रावधान हटाए जाने पर कांग्रेस ने जिस तरह का स्टैंड लिया, उससे असहमति जताते हुए कृपाशंकर ने पार्टी से अलग राह पकड़ ली.

Advertisement
X
कृपाशंकर सिंह (फाइल)
कृपाशंकर सिंह (फाइल)

  • कश्मीरी सेब उत्पादकों के साथ खड़ा होने की जताई जरूरत
  • अनुच्छेद 370 हटाने को बताया ऐतिहासिक कदम

राजनीति किसी के लिए कब कैसी पलटी खाए, कोई नहीं कह सकता. कृपाशंकर सिंह को हाल तक मुंबई और महाराष्ट्र में कांग्रेस का कद्दावर नेता माना जाता रहा. लेकिन कश्मीर में अनुच्छेद 370 के प्रावधान हटाए जाने पर कांग्रेस ने जिस तरह का स्टैंड लिया, उससे असहमति जताते हुए कृपाशंकर ने पार्टी से अलग राह पकड़ ली.

कृपाशंकर अतीत में महाराष्ट्र के गृह राज्य मंत्री रहने के अलावा मुंबई कांग्रेस का अध्यक्ष पद भी संभाल चुके हैं. कृपाशंकर बेशक इस बार महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए खुद मैदान में नहीं हैं लेकिन उन्होंने ‘एप्पल पॉलिटिक्स’ का दांव खेला है.

महाराष्ट्र में मतदान को अब एक हफ्ते का ही वक्त बचा है. ऐसे में कृपाशंकर ने ग्रोफर इंडिया प्राइवेट लिमिटेड को एक चिट्ठी लिख कश्मीरी सेबों का मुद्दा उठाया है. ये कंपनी ऑनलाइन सेबों की बिक्री करती है.  

Advertisement

कृपाशंकर ने कंपनी को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक कश्मीरी सेब पहुंचाने और अपना मुनाफ़ा कम रखने की अपील की है. कृपाशंकर ने चिट्ठी में लिखा कि इस तरह कंपनी नए भारत के निर्माण और कश्मीरी लोगों के साथ एकजुटता दिखाने में अपना योगदान दे सकती है.

कृपाशंकर ने चिट्ठी की शुरुआत खुद के 4 दशकों के सार्वजनिक जीवन का हवाला देते हुए की. साथ ही लिखा कि वे अनुच्छेद 370 और 35ए को हटाए जाने के अच्छे प्रभावों को लेकर जागरूकता बढ़ाने में लगे हैं.      

चिट्ठी में कहा गया है कि देश में जितना भी सेब का उत्पादन होता है उसमें से 70% कश्मीर से आता है. सेब का कश्मीर की अर्थव्यवस्था में सालाना 1200 करोड़ रुपये का योगदान रहता है.

अनुच्छेद 370, 35ए हटाने को बताया ऐतिहासिक

कृपाशंकर ने अनुच्छेद 370, 35ए हटाने को जहां ऐतिहासिक और गौरवशाली कदम बताया, वहीं साथ ही कहा कि ‘कश्मीर में बाज़ार बंद रहने से वहां के व्यापार पर बुरा असर पड़ा है. ऐसे में जहां सरकार की ओर से जम्मू और कश्मीर में सेब उत्पादकों को सेब के उचित दाम दिलाए जाने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं, ऐसे में हम सब को भी कश्मीरी लोगों, वहां की अर्थव्यवस्था को समर्थन देकर ये दिखाना चाहिए कि हम उनके साथ हैं. ऐसा करने से वे खुद को अधिक सुरक्षित और देश की मुख्यधारा का हिस्सा समझेंगे.’   

महाराष्ट्र में मतदान से ठीक पहले कृपाशंकर की इस ‘एप्पल पॉलिटिक्स’  को लेकर भविष्य में उनकी राजनीतिक लाइन को लेकर सियासी गलियारों में कयास लगाए जा रहे हैं.

Advertisement
Advertisement