ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल मुस्लिमीन (AIMIM) असदुद्दीन ओवैसी महाराष्ट्र में लगातार चुनावी रैलियां कर रहे हैं. बुधवार को ओवैसी ने नांदेड़ में चुनावी सभा को संबोधित किया और भारतीय जनता पार्टी-कांग्रेस पर निशाना साधा. इसी दौरान उन्होंने मुस्लिम वोटरों से अपील करते हुए कहा कि अब खुदा के लिए सेकुलरिज्म को भूल जाओ और एकजुट होने का काम करो.
नांदेड़ की जनसभा में असदुद्दीन ओवैसी बोले, ‘..हमको अपने नुमाइंदों की जरूरत है, भूल जाओ खुदा के लिए सेकुलरिज्म, अब अस्पताल में सेकुलरिज्म है हमारी जिम्मेदारी नहीं है अब ये कांग्रेस की जिम्मेदारी है. हमने 70 साल काफी हक अदा किया है.’
ओवैसी ने आगे कहा, ‘..आज हमारे नुमाइंदे नहीं हैं, इसकी मिसाल है याकूब मेनन को फांसी मिली, कौन उसके खिलाफ आवाज़ उठी...याकूब मेनन को तुम बचा सकते थे, क्योंकि भारत सरकार के पास पावर है कि सुप्रीम कोर्ट की फांसी को उम्रकैद में बदल सकते हैं. लेकिन याकूब की बारी में नहीं हो सका लेकिन पंजाब के CM को मारने वाले के लिए ऐसा हो गया.’
ओवैसी ने कहा कि अगर हमारे (मुसलमानों) के 40-50 नुमाइंदे होते तो हम सभी को बचा सकते थे.
Owaisi wants Muslims to elect Muslims so that they can use ‘Muslim veto’ to save the likes of Yakub Memon, who are convicted for heinous crimes like serial bomb blasts, that killed and maimed hundreds of innocents. Hail secularism! pic.twitter.com/YUSitITmUW
— Amit Malviya (@amitmalviya) October 10, 2019
असदुद्दीन ओवैसी के इस भाषण पर भारतीय जनता पार्टी (BJP) के IT सेल प्रमुख अमित मालवीय ने भी सवाल खड़े किए. अमित मालवीय ने ट्वीट कर लिखा कि ओवैसी चाहते हैं कि मुसलमान सिर्फ मुस्लिम नेताओं को इसलिए चुनें ताकि वो मुस्लिम वीटो का इस्तेमाल याकूब मेनन जैसे लोगों को बचाने में कर सकें, जिनपर सीरियल बम ब्लास्ट में बेगुनाहों की जान लेने का आरोप है.
गौरतलब है कि इससे पहले अमित मालवीय ने इसी जनसभा में ओवैसी के द्वारा भारतीय जनता पार्टी को वोट देने वाले मुस्लिम वोटरों पर दिए गए बयान पर भी निशाना साधा था. महाराष्ट्र में इस बार असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी अकेले दम पर चुनाव लड़ रही है, ओवैसी खुद रोजाना कई रैलियां कर रहे हैं. लोकसभा चुनाव में AIMIM के इम्तियाज़ जलील ने औरंगाबाद से जीत दर्ज की थी.