कांग्रेस का टिकट ठुकराकर BJP जॉइन करने वाले रोहन गुप्ता ने कांग्रेस पार्टी पर अपमानित करने का आरोप लगाया है. बीजेपी की सदस्यता लेने के बाद रोहन ने कहा,'मैंने अपने आत्मसम्मान के लिए कांग्रेस का साथ छोड़ा. वहां मुझे हर रोज अपमानित किया जाता था.'
खुद को बेदाग बताते हुए रोहन गुप्ता ने कहा,'मैंने कई बार खुद बीजेपी की वॉशिंग मशीन पर सवाल उठाए हैं. मेरी शर्ट बिलकुल बेदाग है. सनातन को गाली देने वालों के साथ काम नहीं किया जा सकता है. जिनके नाम में राम हैं, वो हर रोज राम के और सनातन के खिलाफ बोलने वालों के पक्ष में बोलने के लिए कहते थे.' रोहन ने कहा कि उन्होंने अपने पिता के कहने पर ही चुनाव लड़ने से मना किया था, उनके पिता नहीं चाहते थे कि वह चुनाव लड़ें.
रोहन ने लौटा दिया था कांग्रेस का टिकट
दरअसल, कांग्रेस ने रोहन गुप्ता को गुजरात की अहमदाबाद उत्तर सीट से टिकट दिया था. लेकिन उन्होंने टिकट लौटा दिया. रोहन ने 18 मार्च को ऐलान किया था कि वो कांग्रेस के टिकट पर चुनाव नहीं लड़ेंगे. रोहन ने कांग्रेस का टिकट यह कहकर ठुकरा दिया था कि उनके पिता नहीं चाहते हैं कि वो कांग्रेस से चुनाव लड़ें और पिताजी की जिद पर वो झुक गए हैं. इसके बाद उन्होंने 22 मार्च को कांग्रेस के संचार विभाग से जुड़े एक नेता पर लगातार अपमान और चरित्र हनन का आरोप लगाया था और कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दे दिया था. रोहन कांग्रेस आईटी सेल और सोशल मीडिया के हेड रहे हैं. वे राष्ट्रीय प्रवक्ता भी रहे हैं.
पिता के कहने पर वापस ली उम्मीदवारी
रोहन गुप्ता ने दावा किया था कि उनके पिता को पैनिक अटैक आया था और उन्हें तत्काल अस्पताल ले जाया गया. लेकिन वहां उन्होंने आईसीयू में शिफ्ट होने से यह कहते हुए इनकार कर दिया कि जब तक कि मेरी बात नहीं मानोगे, तब तक इलाज नहीं करवाएंगे. रोहन का कहना था कि वह अपने पिता के आग्रह पर चुनाव मैदान से हट गए. रोहन ने गुरुवार को बीजेपी का दामन थाम लिया.
देश के लिए काम करने की भावना
बीजेपी जॉइन करने के बाद रोहन गुप्ता ने कहा,'आज बीजेपी में आकर गौरवान्वित महसूस कर रहा हूं. मैं देश के प्रति कुछ काम करने की भावना लेकर आया हूं. मैं राष्ट्र निर्माण के लिए दिल से काम करूंगा. मेरे पिता 40 साल से कांग्रेस में थे. मैं 15 साल से कांग्रेस में रहा. कोई लालच से पार्टी नहीं छोड़ता. बात जब स्वाभिमान की आती है तो निर्णय लेना पड़ता है. मैं खुद बिजनेसमैन रहा हूं. राष्ट्रवाद की बात हो या सनातन धर्म की बात हो. इन दोनों मुद्दों से कांग्रेस पार्टी भटक गई है. पिछले डेढ़-दो साल से पार्टी मुद्दे से दिशाविहीन हो गई है.'