इन दिनों देश में हर तरफ लोकसभा चुनाव को लेकर बातें हो रही है. नए-पुराने तमाम सियासी किस्सों का जिक्र हो रहा है. जीत-हार के रिकॉर्ड बनाने के दावे किये जा रहे हैं. ऐसे में लोकसभा चुनाव जीतने के रिकॉर्ड बनाने वाले कुछ दिग्गजों के बारे में जानते हैं जिनकी सियासी यात्रा रोचक और कीर्तिमानों से भरी रही है. अब तक ऐसे सिर्फ चार नेता हैं, जिनके नाम सबसे ज्यादा बार चुनाव जीतने के साथ ही अलग-अलग तरह के रिकॉर्ड जुड़े हैं.
इंद्रजीत गुप्ता का रिकॉर्ड अबतक अटूट
पूरे देश में सबसे ज्यादा लोकसभा चु्नाव जीतकर सांसद बनने का रिकॉर्ड अबतक इंद्रजीत गुप्ता के नाम ही है. उन्होंने 11 बार लोकसभा चुनाव जीता और सांसद बने. यह रिकॉर्ड आजतक कोई नहीं तोड़ पाया है. अपने जीवन के 60 साल उन्होंने सांसद के रूप में गुजारे. इंद्रजीत गुप्ता पश्चिम बंगाल सीपीआई नेता थे और इसी पार्टी से उन्हें टिकट मिलता रहा.

12 बार चुनाव लड़े, 11 बार हुई जीत
इंद्रजीत गुप्ता ने अपने जीवन में 12 बार लोकसभा चुनाव लड़ा. इसमें से सिर्फ एक बार उनकी हार हुई. उन्होंने पहली बार 1962 में चुनाव जीता था. उसके बाद वह अपने निधन तक सांसद बने रहे. सिर्फ 1977 के चुनाव में उन्हें हार मिली. इंद्रजीत गुप्ता ने बशीरहाट, कोलकाता, मिदनापुर और अलीपुर लोकसभा सीट से अलग-अलग बार चुनाव लड़ा और विजयी भी हुए. वह पहले ऐसे सीपीआई नेता थे जो देश के गृहमंत्री भी बने.
12 बार सांसद बने अटल बिहारी वाजपेयी
अटल बिहारी वाजपेयी ने 10 बार लोकसभा चुनाव जीते हैं. लेकिन उनके नाम 12 बार सांसद बनने का रिकॉर्ड है. क्योंकि वह दो बार राज्यसभा सदस्य भी रहे हैं. यही कारण है कि लोकसभा चुनाव जीतने वाले नेताओं की सूची में अटल जी दूसरे नंबर पर हैं. अटल बिहारी वाजपेयी ने अपने जीवन काल में छह लोकसभा सीटों से चुनाव लड़ा और जीत भी हासिल की.

वे यूपी के लखनऊ और बलरामपुर, गुजरात के गांधीनगर, एमपी के ग्वालियर और विदिशा और दिल्ली की नई दिल्ली संसदीय सीट से चुनाव लड़कर लोकसभा पहुंचे थे. अलग-अलग राज्यों की इतनी सीटों से चुनाव लड़कर जीतने वाले वे अकेले शख्स हैं. यह रिकॉर्ड भी अबतक नहीं टूट सका है.
सिर्फ एक बार चुनाव हारे सोमनाथ चटर्जी
अटल बिहारी वाजपेई के बाद सोमनाथ चटर्जी दूसरे ऐसे नेता हैं, जिन्होंने 10 बार लोकसभा चुनाव जीता और सांसद बने. उन्होंने पश्चिम बंगाल की बर्दमान लोकसभा सीट से भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के उम्मीदवार के रूप में पहली बार लोकसभा चुनाव जीता था. इसके बाद वह बोलपुर से छह बार सांसद चुने गए. सोमनाथ चटर्जी ने पूरी जिंदगी 11 बार चुनावी मैदान में उतरे और सिर्फ एक बार उन्हें हार का सामना करना पड़ा.

सोमनाथ चटर्जी ने जाधवपुर से भी चुनाव लड़ा और तीन बार वहां के एमपी रहे. 1984 में ममता बनर्जी ने उन्हें यहां एक बार चुनाव में हराया था. इसके अलावा हर बार सोमनाथ चटर्जी को लोकसभा चुनाव में जीत हासिल हुई. सोमनाथ चटर्जी शुरुआती दिनों में पेशे से वकील थे. बाद में वह सीपीआईएम के साथ जुड़कर राजनीति में सक्रिय हुए.
लक्षद्वीप से पीएम सईद भी 10 बार पहुंचे लोकसभा
लक्षद्वीप से कांग्रेस से सांसद रहे पीएम सईद भी दस बार चुनाव जीतकर लोकसभा पहुंचने वालों में से एक हैं. उन्होंने पहली बार 1967 में निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनाव जीता था. इसके बाद वह लगातार कांग्रेस की टिकट पर यहां से चुनाव लड़े और जीतते भी रहे. आखिरी बार पीएम सईद ने लक्षद्वीप से 1999 में जीत हासिल की थी.

9 बार चुनाव जीतने वाले भी गिने चुने
दहाई अंक में जीत दर्ज करने वाले चार नेताओं के बाद सिंगल डिजिट में अधिकतम यानी 9 बार लोकसभा चुनाव जीतने वाले नेता भी गिने चुने ही हैं. इसमें पहला नाम बिहार के रामविलास पासवान का आता है. रामविलास पासवान आठ बार हाजीपुर सीट से ही चुनाव जीते. सिर्फ एक बार रोसड़ा से उन्होंने चुनाव लड़ा और जीत हासिल की. रामविलास पासवान पहली बार 1977 में सांसद बने थे. इनके अलावा बंगाल के नेता माकपा के वासुदेव आचार्य, महाराष्ट्र के माणिक राव होदिथा, ओडिशा के गिरधर गोमांग, मध्य प्रदेश के माधव राव सिंधिया और ओडिशा से ही खगपती प्रधानी के नाम भी नौ बार लोकसभा चुनाव जीतने वालों में से हैं.

रिकॉर्डधारी की लिस्ट में शामिल होने की राह पर मेनका गांधी
मेनका गांधी ऐसी राजनेता हैं जो अब तक आठ बार लोकसभा चुनाव जीत चुकी हैं. इस बार नौवीं बार चुनाव जीतने के लिए सुल्तानपुर से मैदान में हैं. अगर वह इस बार जीत दर्ज कर लेती हैं, तो नौ बार चुनाव जीतने वाले कुछ लोगों में उनका भी नाम शामिल हो जाएगा. वहीं बिहार के राधा मोहन सिंह 6 बार के सांसद हैं. इस बार वह फिर से सातवीं बार चुनाव जीतने का प्रयास करेंगे. इनके अलावा बिहार के ही पाटलिपुत्र से रामकृपाल यादव और पूर्णिया से निर्दलीय उम्मीदवार पप्पू यादव भी छठी बार लोकसभा चुनाव जीतने के प्रयास में हैं. दोनों अब तक पांच बार चुनाव जीतकर लोकसभा जा चुके हैं.